दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी),2016 पारित होने से ऋण वसूली व्यवस्था मजबूत हुई है
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो नई दिल्ली। वरिष्ठ संवाददाता केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2018-19 की आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की। दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के प्रभावी होने से ऋण वसूली में हाल की सफलता को देखते हुए आर्थिक समीक्षा में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) तथा अपीली न्यायाधिकरण को मजबूत बनाने का प्रस्ताव किया गया है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि दिवाला और दिवालिएपन के लिए प्रणालीबद्ध तरीके से व्यवस्था मजबूत बनाई जा रही है और फंसे हुए कर्जों की वसूली हो रही है। 31 मार्च, 2019 तक कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से 94 मामलों का समाधान हुआ है और परिणाम स्वरूप 1,73,359 करोड़ रुपये के दावों का निपटारा किया गया है। 28 फरवरी, 2019 तक 2.84 लाख रुपये की कुल राशि के 6,079 मामले दिवाला तथा दिवालियापन संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत सुनवाई से पहले वापस लिए गए हैं। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार बैंकों को पहले के गैर-निष्पादित खातों से 50,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। आरबीआई की रिपोर्ट म...