सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर लगा यौन शोषण का आरोप
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो दिल्ली। संवाददाता कई महिला वकीलों ने इस तरह की सुनवाई को यौन उत्पीड़न की शिकायत के लिए तय प्रक्रिया का उल्लंघन बताया है. वहीं सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उसी प्रक्रिया का हवाला देते हुए चिंता जताई कि उत्पीड़न के मामले में लोगों के नाम सार्वजनिक करना मना है पर यहां उन्हें सार्वजनिक किया गया. गोगोई के लिए काम कर चुकीं उनकी जूनियर असिस्टेंट ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं जिन्हें कुछ पत्रिकाओं ने प्रकाशित किया है. महिला ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को चिट्ठी लिखकर इन आरोपों की जांच के लिए विशेष कमिटी के गठन की मांग की है. आरोपी के तौर पर मुख्य न्यायाधीश का नाम सार्वजनिक करना, मुख्य न्यायाधीश का अन्य दो जजों के साथ बैठकर आदेश पारित करना और सुप्रीम कोर्ट में यौन उत्पीड़न की शिकायतों की सुनवाई करने के लिए कमेटी होने के बावजूद पीड़िता की विशेष कमेटी की मांग करना कितना जायज़ है? यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बनाए गए क़ानून, 'सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ़ वुमेन एट वर्कप्लेस (प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन एंड रिड्रेसल)' ...