पिछले साल के मुकाबले इस बार मानसून कि ज्यादा शुद्ध
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो। भारतीय विषविज्ञान संस्थान (आईआईटीआर), लखनऊ के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में मानसूनसे पहले कीहवा की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष की समान अवधि में हवा में पाए जाने वाले सूक्ष्म कण (पीएम)-10 एवं पीएम-2.5, सल्फर -डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन-डाईऑक्साइड, लेड व निकेल जैसी धातुओं और ध्वनि प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय रूप से गिरावट दर्ज की गई है। लॉकडाउन के दौरान हवा की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए लखनऊ में किए गए एक ताजा अध्ययन के बाद सीएसआईआर-आईआईटीआर के शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुँचे हैं। कोविड-19 को मद्देनज़र रखते हुए शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से 31 मई के बीच यह अध्ययन लखनऊ के आठ स्थानों पर किया गया है। इनमें चार आवासीय, तीन व्यावसायिक और एक औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। अध्ययन में शामिल आठ स्थानों में से सात स्थलों पर वर्ष 1997 से नियमित रूप से वायु गुणवत्ता की निगरानी हो रही है। इसके अलावा, आईआईटीआर-आईआईटीआर, जो व्यावसायिक क्षेत्र में स्थित है, से भी प्रदूषण निगरानी के आंकड़े प्राप्त किए गए हैं। आवासीय इलाकों में अलीगं...