ज़िला कांगड़ा में है शनिदेव के गुरु का मंदिर, 12 राशियों की मन्नत के लिए स्थापित हैं स्तम्भ
हिमाचल क्राइम न्यूज़ कांगड़ा। धर्म स्पेशल जिला के बैजनाथ में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और शनि की साढ़ेसाती भी दूर होती है। यह देश का शायद ऐसा पहला मंदिर होगा, जहां भगवान महाकाल के साथ भगवान शनि देव भी विराजते हैं। बड़ी बात यह है कि इस मंदिर में शनि देव का क्रूर नहीं बल्कि सौम्य रूप है। इस मंदिर में भगवान शनि देव भाद्रपद मास में अपनी माता छाया के साथ स्थापित हुए थे। वहीं शनि देव महाकाल के शिष्य भी है। ऐसे में यहां यहां शनि क्रूर नहीं बल्कि सौम्य हैं। क्या है महाकाल और शनिदेव का रिश्ता कहा जाता है कि शनिदेव ने महाकाल को अपना गुरु बनाया था और तभी से गुरु-शिष्य के रिश्ते को मानते हुए लोग भगवान शिव के महाकाल रूप के साथ शनिदेव पूजा कर रहे थे। लेकिन 2005 में यहां अलगा मंदिर बनाकर शनिदेव शिला की स्थापना की गई। 12 राशियों की मन्नत के लिए स्थापित हैं स्तम्भ आपको ये भी बता दें कि इस मंदिर में 12 राशियों के गृह शांति के लिए अलग-अलग 12 स्तम्भ बनाए गए हैं। यहां डोरी बांधने का अपना विशेष महत्व है। भगवान शनिदेव हर प्राणाी में 12 रा...