आसाराम को उम्रकैद, कभी कुटिया में प्रवचन देने वाले ने ऐसे बनाया करोड़ों का साम्राज्य
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो।
गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट से आसाराम को एक और मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। शिष्या से दुष्कर्म के मामले में आसाराम पर चल रहा ये मामला 22 साल पुराना था। आसाराम पर सूरत के रहने वाली एक शिष्या ने दुष्कर्म और अप्राकृतिक कृत्य करने का आरोप लगाया था। यह घटना आसाराम के अहमदाबाद स्थित आश्रम में हुई थी।
घटना के बाद पीड़िता डर की वजह से चुप रह गई थी। जब आसाराम के खिलाफ दूसरी जगहों पर केस दर्ज हुए तो पीड़िता ने 2013 में इस मामले में भी एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद यह केस अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में ट्रांसफर किया गया और तब से गांधीनगर की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। सरकारी वकील के अनुसार कोर्ट ने आसाराम को सेक्शन 342, 357, 376, 377 के तहत दोषी करार दिया है। आज इसी मामले में सजा का एलान हुआ।
क्या था पूरा मामला?
पीड़िता के अनुसार, ‘गुरुपूर्णिमा के दिन आसाराम ने मुझे वक्ता के रूप में चुना था। इसके बाद आसाराम के फार्महाउस शांति वाटिका में मुझे बुलाया गया। आश्रम का एक अन्य व्यक्ति मुझे आसाराम के फार्म हाउस ले गया। जहां आसाराम ने हाथ-पैर धोकर मुझे कमरे के अंदर बुलाया। बाद में मुझे एक कटोरी घी मंगवाने को कहा। इसके बाद आसाराम ने सिर की मालिश करने को कहा। मालिश करते समय ही आसाराम ने गंदी हरकतें करना शुरू कर दीं। मैंने भागने की कोशिश की लेकिन आसाराम ने मुझे समर्पण करने को मजबूर किया। इसके बाद आसाराम ने जबरन दुष्कर्म के बाद अप्राकृतिक दुष्कर्म भी किया।’ 2013 में इस मामले में पीड़िता ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
अब जानिए आसाराम की कहानी
आसाराम का पूरा नाम आसूमल थाऊमल सिरुमलानी है। आसाराम का जन्म 17 अप्रैल सन् 1941 में ब्रितानी (ब्रिटिश हुकूमत में) भारत के नवाबशाह जिले के बेराणी गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। मां का नाम महंगीबा और पिता का नाम थाऊमल सिरूमलानी था।
1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के वक्त आसाराम का परिवार गुजरात के अहमदाबाद में आकर बस गया था। चूंकि सबकुछ पाकिस्तान में ही छूट चुका था, ऐसे में आसाराम के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। तब आसाराम के पिता ने अहमदाबाद में शक्कर का कारोबार शुरू कर दिया।
पिता के निधन के बाद आसाराम ने मां से ध्यान, योग और आध्यात्म की शिक्षा हासिल की। मां से शिक्षित होते ही आसाराम ने घर-परिवार छोड़ दिया और देश भ्रमण पर निकल गया। इसके बाद आसाराम धार्मिक प्रवचन देने लगा। 1970 के दशक में उसने साबरमती नदी के किनारे एक छोटी सी कुटिया से अपना सफर शुरू किया था। धीरे-धीरे लोगों के बीच आसाराम प्रसिद्ध होता गया। बड़ी संख्या में लोग उसके अनुयायी बनने लगे। बड़े से बड़े नेता, अफसर आसाराम के दरबार में हाजिरी लगाने लगे।
यूं तो आसाराम कई बार विवादों में रहा। कई तरह के आरोप लगे, लेकिन 2013 में उस पर जो आरोप लगा उसने पूरी कहानी ही बदल दी। अगस्त 2013 में एक नाबालिक लड़की ने आसाराम पर रेप का आरोप लगाया। 19 अगस्त को लड़की के परिजन आसाराम से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे, लेकिन उसने मना कर दिया। तब लड़की के परिजनों ने दिल्ली के कमलानगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा दी। 20 अगस्त को लड़की का मेडिकल हुआ और आसाराम पर नाबालिग से रेप का मामला दर्ज कर लिया गया। 21 अगस्त को ये केस जोधपुर पुलिस को हैंडओवर कर दिया गया। पीड़िता ने दावा किया कि ये घटना 16 अगस्त 2013 की थी। तब वह 12वीं कक्षा में छिंदवाड़ा में आश्रम के कन्या छात्रवास में पढ़ती थी। लड़की ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के मड़ई स्थित फॉर्महाउस पर उसके साथ रेप किया। पीड़िता शाहजहांपुर की रहने वाली है।
10 दिन बाद गिरफ्तारी और फिर कई आरोप लग गए
पुलिस ने मामले की जांच की और पूछताछ के लिए आसाराम को समन दिया था। दस दिन बाद भी जब आसाराम पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुआ तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में 25 अप्रैल 2018 को आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। तब जज मधुसूदन शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि आसाराम जैसे आदमी को कभी जेल से बाहर नहीं आना चाहिए। जज की इन बातों को सुनते ही आसाराम बिलखकर रोने लगा। इस मामले के बाद से आसाराम पर कई तरह के आरोप लगे। जमीन पर अवैध कब्जा, रेप, मारपीट, जान से मारने की कोशिश समेत तमाम तरह के आरोप आसाराम पर लग चुके हैं।
10 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का मालिक
कोर्ट-कचहरियों में चले मुकदमों के दौरान आसाराम अपने ऊपर लगे हर आरोपों को झूठा ही बताने की कोशिश करता है। दावा किया जाता है कि आसाराम के पास अभी भी दस हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। आसाराम 2013 से जेल में बंद है और आज भी उसके कई आश्रम चल रहे हैं। आसाराम की प्रवक्ता ने हाल ही में बताया था कि पहले की तरह आसाराम के आश्रमों का संचालन हो रहा है और बड़ी संख्या में लोग पूजन के लिए पहुंचते हैं। आसाराम की चरण पादुका रखकर इन आश्रमों का संचालन होता है।
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