नादौन विस् बनी सियासी रणभूमि, दो पुराने खिलाड़ी मैदान में, 'आप' पेंडिंग लिस्ट में
हिमाचल क्राइम न्यूज़
नादौन। संजय आहलूवालिया
साल 2022 खत्म होने को है लेकिन चुनावी मौसम आगमन पर है। बड़े-बड़े दिग्गजों से भरी राजनैतिक पार्टीयों ने अपने सैनिकों को रणभूमि में लगभग उतार दिया है। खास बात तो ये है कि हाई वोल्टेज विधानसभा क्षेत्र सिराज, हरोली, नगरोटा बगवां आदि के अतिरिक्त नादौन विस् भी चर्चा का विषय बनी हुई है। क्योंकि यहां से कांग्रेस के स्टार प्रचारक व मौजूदा विधायक ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू चुनावी मैदान में सबसे पहले उतर चुके हैं। इसके 10 घण्टे बाद भाजपा ने फिर से ब्राह्मण कार्ड व पुराने प्रत्याशी पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री को मैदान में उतार दिया है। गौरतलब बात तो ये है कि इन दोनों नेताओं ने आपस में तीन बार रणभूमि में सियासी तलवारबाज़ी कर चुके हैं। जिसमें भाजपा के प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री को कांग्रेस के प्रत्याशी ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के आगे 2 बार धूल चाटनी पड़ी है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव 2012 में विजय अग्निहोत्री ऐसे प्रत्याशी रहे थे जिन्होंने काफ़ी बड़े मार्जन से जीत हासिल की थी। जिसका रिकॉर्ड अभी तक कायम है। अगर सुक्खू कि बात की जाए तो सुक्खू नादौन के पहले ऐसे कांग्रेसी नेता रहे जिन्हें केन्द्री कैबिनेट मंत्री नारयण चंद पराशर कि टिकट मिली हो। नादौन विस् का हमेशा से चर्चा में बने रहने का कारण केवल ये रहा था कि वे एक केन्द्री कैबिनेट मंत्री के नाम से जानी जाती रही थी। लेकिन नारायन चंद पराशर के बाद से नादौन के विधायक को हिमाचल कैबिनेट में जगह नही मिल पाई है चाहे वे बीजेपी के क्यों न हों।
सन 2002 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की लेकिन नए विधायक बने सुक्खू को कैबिनेट में जगह नही मिली। नादौन विस् का 2012 से ही एक नया इतिहास बना रहा है। जहां 2012 के विस् चुनाव में सुक्खू को हार का सामना करना पड़ा लेकिन पार्टी ने उन्हें प्रदेश में पार्टी का सबसे बड़ा पद प्रदान किया। वैसे ही 2017 के विस् चुनाव में अग्निहोत्री को हार का सामना करना पड़ा लेकिन पार्टी उन्हें पथ परिवहन का वाईस चेयरमैन नियुक्त करवाया गया। तो इससे ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि जैसे सुक्खू हारने के बावजूद चर्चाओं में बने रहे थे जिससे कि उनकी 2017 में वापसी हुई तो क्या पता उसी तरह अग्निहोत्री कि वापसी हो जाए।
यूं तो बड़े-बड़े मंच व अधिकतर मीडिया हाउस के अनुसार सरकार रिपीट होने का दावा किया जा रहा है लेकिन नादौन विस् के बारे में कयास लगाना बेहद मुश्किल पूर्ण हो रहा है। कारण तीसरा विकल्प आम आदमी पार्टी है। पंजाब में आप की सरकार बनने से वे देश में काफी चर्चा में बनी रही। लेकिन सिद्धू मूसेवाले कि हत्या ने मौजूदा सरकार पर सवालिया निशान छोड़े, सतेंद्र जैन जो कि हिमाचल के प्रभारी है उन पर ईडी का पेच, मनीष सिसोदिया पर सीबीआई कि रेड ने पार्टी कि छवि पर काफी प्रभाव छोड़ा है। लेकिन अगर हम नादौन विस् से आप के प्रत्याशी कि बात करें तो उनमें शैंकी ठुकराल का नाम सूची में सबसे ऊपर है। लेकिन उनके सामने आप के ही नेता व पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजय शर्मा का नाम भी उछल रहा है। अगर ठुकराल को टिकट मिलती है तो वे ओबीसी वोट को अपनी तरफ खींच सकते हैं जिससे सुक्खू के वोट बैंक नुकसान पहुंच सकता है और अग्निहोत्री इसका फायदा उठा सकते हैं। बरहाल सबके अपने-अपने गणित मन्त्र है आखिर में जनता ही इस बात पर पांच वर्ष कि पक्की मोहर लगा सकती है।
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