अब पता चलेगा कि HRTC की कमाई का पैसा कहां खर्च हो रहा है
हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला। ब्यूरो
पहली बार एचआरटीसी अपनी कारगुजारियों को लेकर एक बड़ी रिपोर्ट बनाएगा। इस रिपोर्ट से वो सब कुछ सामने आ जाएगा, जो अब तक कहीं न कहीं छुपा हुआ है। सुक्खू सरकार इस दिशा में दम दिखाने की कोशिश कर रही है। खासकर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री की यह सोच है कि आखिर पता तो चले कि एचआरटीसी क्यों लगातार घाटे में ही जा रही है और इसे उभारा कैसे जा सकता है। सच्चाई को जानने और उसपर कदम उठाने की सोच पर सकारात्मक रूप से काम हुआ तो हो सकता है कि कोई बेहतर नतीजा सामने आ जाए, अन्यथा अभी तक किसी ने इस तरह का कदम नहीं उठाया है। एचआरटीसी के नफा-नुकसान की असल रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर को सौंपा गया है, जो 20 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट बना लेंगे। उनका कहना है कि 20 जुलाई तक रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी, जिसके बाद सरकार के सामने प्रेजेंटेशन होगी। इसमें बताया जाएगा कि आखिर किन कारणों से एचआरटीसी घाटे में चल रहा है। सच्चाई जानने के बाद सरकार को त्वरित कदम उठाने होंगे, जिससे एचआरटीसी अपने पांव पर सही तरह से खड़ा हो सकेगा। निगम करोड़ों रुपए के घाटे में है, जिसे हर महीने सरकार से ग्रांट लेनी पड़ती है। इस ग्रांट के मिलने के बाद कर्मचारियों को वेतन मिलता है और पेंशन भोगियों की पेंशन अदा होती है। सरकार का वित्त विभाग ग्रांट देने में बेहद न नुकर करता है मगर कहीं न कहीं सरकारी प्रतिबद्धता के चलते उसे ग्रांट देनी पड़ रही है। निगम के ऐसे हालात शुरुआत से ही है। कर्मचारियों को सरकार की तर्ज पर वेतन के साथ भत्ते व पेंशन प्रदान कर रहा है।
पहाड़ों पर बस चलाना महंगा
डीजल बसों को पहाड़ पर चलाना दूसरे क्षेत्रों से ज्यादा महंगा है, वहीं कलपुर्जें भी महंगे पड़ते हैं। इनकी रिपेयर व मेंटेनेंस पर काफी ज्यादा अतिरिक्त खर्चा होता है। निगम कई वर्गों को मुफ्त यात्रा सेवा भी दे रहा है, जिसमें भी उसे नुकसान होता है।
कर्मियों से ज्यादा पेंशनधारक
कर्मचारियों से ज्यादा पेंशनभोगी हो चले हैं ऐसे में उनकी देयताओं को लेकर पैसा जुटाना मुश्किल हो रहा है। एचआरटीसी के पास मात्र छह फीसदी रूट ही लाभ वाले हैं और शेष रूट घाटे में चल रहे हैं। इनका घाटे में चलने का कारण आखिर क्या है, इसकी समीक्षा होनी ज्यादा जरूरी है।
जनता के सामने लाएंगे सच्चाई
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री की अध्यक्षता में 28 जून को हुई एचआरटीसी की बीओडी में निर्णय लिया है कि असलियत को सामने लाया जाए। जनता को भी बताया जाए कि आखिर कारण क्या हैंं। सरकार को क्या करना चाहिए कि एचआरटीसी सही तरह से चले। निगम के अनगिनत ऐसे रूट हैं, जिनको विधायकों की संस्तुति पर आगे बढ़ाया है।
निदेशक मंडल ने पूरी समीक्षा करने के लिए कहा है लिहाजा 20 जुलाई तक रिपोर्ट देने की कोशिश रहेगी। सरकार को प्रेजेंटेशन देंगे और बताएंगे कि कहां पर नुकसान हो रहा है , जिसे कैसे ठीक किया जा सकता है। पहली बार इस तरह की रिपोर्ट बनेगी, जिसके बाद गंभीरता के साथ कड़े कदम उठाए जाएंगे
रोहन चंद ठाकुर, एमडी, HRTC
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