कुल्लू: मैंने भी अपने हाथों से बनाई कोट की पट्टी :सीएम
हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला। ब्यूरो
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने भी अपने हाथों से कोट की पट्टी बनाई है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब सबके घरों के आंगन में खड्डियां नजर आती थीं। मैं भी ऐसे ही परिवार से हूं। कुल्लू और मंडी वाले ऊनी कोट काफी पसंद करते हैं। कई बार तो जून के महीने में भी कोट पहन लेते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से सावधान रहने की जरूरत है। बस यह छिकड़ा (मास्क) उतरना चाहिए जिससे हम दशहरा भी मना पाएं। जयराम के ऐसा कहते ही पूरे अटल सदन में ठहाके लगना शुरू हो गए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जिला मुख्यालय स्थित अटल सदन में रविवार को पूर्ण राज्यत्व के स्वर्णिम जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में सेवा व समर्पण अभियान के अंतर्गत हस्तशिल्प एवं हथकरघा कारीगरों के साथ एक संवाद कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। जयराम ने कहा कि प्रदेश के कारीगरों को प्रोत्साहित करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए हैं। पिछले 50 सालों में काफी बदलाव आया है। कुल्लवी टोपी सिर्फ कुल्लू तक ही सीमित नहीं अब हिमाचली बन चुकी है। दिल्ली की संसद में कुल्लवी टोपी अक्सर देखी जा सकती है। कोई भी राष्ट्राध्यक्ष जब भारत आता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुल्लवी टोपी व मफलर से उनका स्वागत करते हैं। इससे हिमाचल प्रदेश का गौरव बढ़ता है। इससे पहले हथकरघा व हस्तशिल्प पर एक लघु वृत्तचित्र भी दिखाया गया।
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