खुशख़बरी: अभिन्दन को भारत में सौंप सकती हैं पाक

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हिमाचल क्राइम न्यूज़ || ब्यूरो  दिल्ली || भारत-पाकिस्तान की बढ़ती टेंशन के बीच भारत के लिए एक बुरी खबर आई. विंग कमांडर अभिनंदन के पाकिस्तानी सेना के कब्जे में होने की. सरकार ने भी माना है कि हमारा एक मिग 21 विमान का पायलट मिसिंग है. अभिनंदन से जुड़े काफी सारे वीडियोज भी सोशल मीडिया में वायरल हैं. मगर देश की चिंता इस वक्त यही है कि अभिनंदन सुरक्षित वापस भारत आ जाएं. दावा किया जा रहा है कि अभिनंदन सुरक्षित रहेंगे. क्योंकि पाकिस्तान उन्हें प्रिजनर ऑफ वॉर की तरह ट्रीट करेगा. प्रिजनर ऑफ वॉर होने से क्या सहूलियत मिलेगी. ये टर्म क्या है. आपको समझाते हैं.
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दरअसल प्रिजनर ऑफ वॉर को कुछ खास छूट और सहूलियतें मिलती हैं. उसे आम दुश्मन की तरह नहीं ट्रीट किया जाता. प्रताड़ित नहीं किया जाता. इसके लिए पहली बार गाइडलाइंस बनी थीं 1929 में हुए जेनेवा कन्वेंशन में. फिर 1949 में हुए तीसरे जेनेवा कन्वेंशन में इसको रिवाइज किया गया था. द्वितीय विश्व युद्ध में हुई गल्तियों से सीखते हुए. हालांकि ये प्रिजनर ऑफ वॉर का स्टेटस सबको नहीं मिलता. ये सिर्फ उन 174 राष्ट्रों पर लागू होता है, जिन्होंने 1977 में हुए फर्स्ट ऐडिशनल प्रोटोकॉल को माना था.

भारत ने भी 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान के 90,368 सैनिकों को बंदी बनाया था. और इन्हें भी प्रिजनर ऑफ वॉर की तरह ट्रीट किया था. अधिकारियों को अधिकारियों की तरह. सैनिकों को सैनिकों की तरह. फिर शिमला एग्रीमेंट के तहत सभी को छोड़ दिया गया था. इसीलिए अभी पाकिस्तान से भी अभिनंदन के मामले में इस प्रिजनर ऑफ स्टेटस को मेंटेन करने की उम्मीद की जाती है.


Report:-Correspondent
©:-LT
Himachal Crime News
HP Bureau


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