हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला। लीगल डेस्क
निजी बसों के अंतर्राज्यीय अवैध संचालन के मुद्दे को उजागर करने वाली एक याचिका पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) के सचिव औरप्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने नोटिस जारी करते हुए राज्य के अधिकारियों को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 22 जुलाई, 2022 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। अदालत ने यह आदेश हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त निगम समिति द्वारा दायर एक याचिका पर पारित किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य के संबंधित सक्षम अधिकारी निजी बसों के अवैध संचालन की जांच करने में विफल रहे हैं, जिससे एचआरटीसी और सरकारी खजाने को भारी नुक्सान हो रहा है।
निजी बसों के अंतर्राज्यीय अवैध संचालन के मुद्दे को उजागर करने वाली एक याचिका पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) के सचिव औरप्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने नोटिस जारी करते हुए राज्य के अधिकारियों को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 22 जुलाई, 2022 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। अदालत ने यह आदेश हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त निगम समिति द्वारा दायर एक याचिका पर पारित किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य के संबंधित सक्षम अधिकारी निजी बसों के अवैध संचालन की जांच करने में विफल रहे हैं, जिससे एचआरटीसी और सरकारी खजाने को भारी नुक्सान हो रहा है।
याचिकाकर्ता की ओर से यह तर्क दिया गया है कि राज्य में अंतर्राज्यीय निजी बसों के इस तरह के अवैध संचालन के कारण एचआरटीसी को भारी नुक्सान हो रहा है। यह भी तर्क दिया गया कि अंतर्राज्यीय स्टेज कैरिज परमिट परिवहन प्राधिकरण द्वारा केवल राज्य परिवहन उपक्रम को और अन्य राज्यों के राज्य परिवहन उपक्रम के लिए पारस्परिक आधार पर और नियमों के अनुसार प्रदान किया जाएगा। यह भी आरोप लगाया गया है कि कुछ वर्षों से अब पड़ोसी राज्यों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के निजी संचालक जिनके पास अनुबंध कैरिज परमिट के आधार पर लग्जरी बसें हैं, वे वस्तुत: अपनी बसों को स्टेज कैरिज के रूप में चला रहे हैं, जिन्हें वे कानूनी रूप से नहीं चला सकते हैं। कानूनी तौर पर कोई भी व्यक्ति किसी भी स्टेज कैरिज अंतर्राज्यीय बस को नहीं चला सकता है, तो ऐसी बसों को चलाना पूरी तरह से अवैध और गैर कानूनी है। राज्य के सक्षम अधिकारियों ने बसों के ऐसे अवैध और अनधिकृत संचालन को रोकने के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं की है।
याचिकाकर्ता की ओर से यह तर्क दिया गया है कि राज्य में अंतर्राज्यीय निजी बसों के इस तरह के अवैध संचालन के कारण एचआरटीसी को भारी नुक्सान हो रहा है। यह भी तर्क दिया गया कि अंतर्राज्यीय स्टेज कैरिज परमिट परिवहन प्राधिकरण द्वारा केवल राज्य परिवहन उपक्रम को और अन्य राज्यों के राज्य परिवहन उपक्रम के लिए पारस्परिक आधार पर और नियमों के अनुसार प्रदान किया जाएगा। यह भी आरोप लगाया गया है कि कुछ वर्षों से अब पड़ोसी राज्यों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के निजी संचालक जिनके पास अनुबंध कैरिज परमिट के आधार पर लग्जरी बसें हैं, वे वस्तुत: अपनी बसों को स्टेज कैरिज के रूप में चला रहे हैं, जिन्हें वे कानूनी रूप से नहीं चला सकते हैं। कानूनी तौर पर कोई भी व्यक्ति किसी भी स्टेज कैरिज अंतर्राज्यीय बस को नहीं चला सकता है, तो ऐसी बसों को चलाना पूरी तरह से अवैध और गैर कानूनी है। राज्य के सक्षम अधिकारियों ने बसों के ऐसे अवैध और अनधिकृत संचालन को रोकने के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं की है।
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