सरकार का एक साल:-स्मार्ट स्कूल वर्दी पर लगा दाग, विद्यार्थी निराश
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हिमाचल क्राइम न्यूज़ || ब्यूरो शिमला || सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से किए वायदे पहले साल के कार्यकाल में सरकार पूरा नहीं कर पाई। साल 2018 में पहली से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्मार्ट स्कूल वर्दी पर टेंडर प्रक्रिया के दौरान ऐसा दाग लगा जो साल खत्म होने तक नहीं धुल सका। अफसरशाही की लेटलतीफी के चलते साल 2018 में साढ़े आठ लाख विद्यार्थियों को स्मार्ट वर्दी नहीं दी जा सकी। निजी स्कूलों की तर्ज पर नई कलरफुल वर्दी की आस में बैठे विद्यार्थियों को निराशा ही हाथ लगी।
इतना ही नहीं, करीब एक दशक से दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में अव्वल रहने वाले हजारों मेधावियों को मिलने वाले लैपटॉप भी सरकार नहीं दे पाई। इसी योजना में जयराम सरकार ने कॉलेजों को जोड़ते हुए मेधावियों को लैपटॉप देने का वायदा किया पर उसको भी पूरा नहीं कर पाई। इसके अलावा सरकार साल 2018 में न तो स्कूल बैग दे सकी और न ही पीने के पानी के लिए स्टील की बोतल।
अटल आदर्श आवासीय विद्या केंद्र के तहत सरकार ने साल 2018 में दस स्कूल खोलने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक सिर्फ एक स्कूल ही इसके लिए चिह्नित हो सका है। इसके अलावा शिक्षकों के लिए तबादला नीति बनाने में भी सरकार को सफलता नहीं मिली है। हालांकि, इस नीति को पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर तैयार कर लिया गया है लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं होने के चलते नीति सिरे नहीं चढ़ पा रही है।
हालांकि, सरकारी स्कूलों से पढ़कर गौरवमयी पदों पर पहुंचे विद्यार्थियों को सम्मानित करने के लिए शुरू की गई ‘अखंड शिक्षा ज्योति मेरे स्कूल से निकले मोती’ योजना से सरकार ने खूब वाहवाही लूटी है। देश के कई राज्य इस योजना को शुरू करने की तैयारी में है। इसके अलावा स्कूलों में महीने का आखिरी शनिवार बैग फ्री डे घोषित करना, मेधावी विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए आर्थिक मदद देना सरकार की उपलब्धियों में शामिल रहा।
सरकार ने चुनावी दृष्टिपत्र में कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम को समाप्त करने की घोषणा को लागू करने में तत्परता दिखाई है। सरकार का गठन होते ही इस संदर्भ में ईमानदारी से काम किया गया। इसके अलावा सरकार ने प्रदेश में तीन हजार से अधिक प्री प्राइमरी स्कूल भी खोले हैं। सरकारी स्कूलों में इनरोलमेंट बढ़ाने के लिए नर्सरी-केजी की कक्षाएं शुरू की गई हैं।
करोड़ों का छात्रवृत्ति घोटाला पकड़ा
शिक्षा विभाग में करोड़ों की राशि का छात्रवृत्ति घोटाला पकड़ना प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है। फर्जी दाखिले दिखाकर सरकारी धनराशि को चपत लगा रहे निजी शिक्षण संस्थानों पर शिकंजा कसते हुए सरकार ने इस मामले की सीबीआई से जांच करवाने का फैसला लिया है।
Editing:-Dhiraj Kumar
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Himachal Crime News
Bureau
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