वन भूमि से बिना पेड़ काटे कब्जे छुड़वाए हिमाचल सरकार: हाईकोर्ट
हिमाचल क्राइम न्यूज़ || ब्यूरो शिमला || हिमाचल हाईकोर्ट ने वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने को लेकर चल रहे मामले की सुनवाई के दौरान वीरवार को बड़ा आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश दिए कि वह वन भूमि से पेड़ों को काटे बिना ही अतिक्रमण हटाए। इससे पहले के आदेश में हाईकोर्ट ने कब्जे हटाने के लिए पेड़ काटने के आदेश जारी किए थे।
वीरवार को न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने आदेश दिया कि जिस वन भूमि पर लोगोें ने अतिक्रमण कर रखा है, वहां बिना पेड़ काटे पक्की चहारदीवारी लगाकर सरकार उस जमीन को अपने कब्जे में ले। आदेश में यह भी कहा गया कि चहारदीवारी बनाने का सारा खर्च अतिक्रमणकारियों से वसूला जाए।
खंडपीठ ने आदेश दिए हैं कि 30 मार्च से पहले हाईकोर्ट के पिछले उन आदेशों की अनुपालना करें, जिसके तहत शिमला जिले के जुब्बल और कोटखाई तहसील के बड़े अतिक्रमणकारियों से कब्जा छुड़ाने को कहा गया था। कोर्ट ने एसआईटी को आदेश दिए हैं कि वह अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करें, जिस दिन उन्होंने अवैध कब्जे वाली भूमि की पहचान करनी हो। कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण वाली भूमि से हरे पेड़ों को काटना पर्यावरण के हित में नहीं है।
हाईकोर्ट ने एसआईटी की ओर से आदेशों की अनुपालना न करने पर भी खेद जताया। कोर्ट ने सरकार से अन्य जिलों की अतिक्रमण की स्थिति के बारे में अवगत करवाने को कहा है। इस बाबत सचिव वन को हलफनामा दायर करने की भी आदेश दिए हैं।
वन भूमि पर अतिक्रमणकारियों के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, जिनमें तहसील जुब्बल के एक ही परिवार के 13 सदस्यों ने 2700 बीघा जमीन पर कब्जा किया था। कोटखाई तहसील में भी एक ही गांव के लोगों ने 1500 बीघा से ज्यादा वन भूमि पर कब्जा किया था।
Editing:-Arvind Sen
©®:-AU
Himachal Crime News
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