लॉकडाउन के दौरान होम क्वारंटीन तोड़ने की सूचना न देने पर इन पर होगी कड़ी कार्यवाही
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों के कारण हिमाचल में हालात खराब न हों, प्रदेश सरकार ने गुरुवार को कई कड़े फैसले लिए हैं। लॉकडाउन के दौरान होम क्वारंटीन तोड़ने की सूचना न देने पर नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के अध्यक्ष-पार्षदों और पंचायत प्रधान और वार्ड सदस्यों की कुर्सी भी जा सकती है। क्वारंटीन तोड़ने वाले पर भी कानूनी कार्रवाई होगी। साथ ही होम से संस्थागत क्वारंटीन किया जाएगा। यही नहीं बाहर से आने वालों का पंजीकरण अब स्थानीय नगर निकाय और पंचायत में करवाना अनिवार्य होगा।
स्थानीय जन प्रतिनिधियों को ऐसे लोगों की जानकारी हेल्थ वर्कर और आशा वर्कर को भी देनी होगी। इससे स्वास्थ्य विभाग के पास भी इनकी जानकारी पहुंचेगी। साफ्टवेयर पर भी इनकी डिटेल अपलोड की जाएगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार को मुख्य सचिव ने राज्य आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार ने इन जनप्रतिनिधियों को सर्विलांस अधिकारी नियुक्त किया है। इन पर निगरानी और क्वारंटीन की पूरी जिम्मेदारी होगी।
होम क्वारंटीन तोड़ने की सूचना न देने पर इनके खिलाफ पंचायती राज एक्ट की धारा 146 और एचपी नगर निकाय एक्ट की धारा 273 के तहत कार्रवाई होगी। वहीं, सरकार ने पंचायत सचिव और पंचायत सहायक को नोडल अफसर नियुक्त किया है। शहरी क्षेत्रों में उपमंडल अधिकारी वार्ड नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। बाहर से आने वालों को घरों के भीतर ही रखने के लिए सरकार ने ऐसे लोगों के घरों के बाहर होम क्वारंटीन के पोस्टर लगाने के आदेश जारी किए हैं।
होम क्वारंटीन सही है या नहीं, होगा चेक
प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों का स्वास्थ्य कर्मी और आशा कर्मी घर-घर जाकर चेकअप करेंगे। यह कर्मी देखेंगे कि घरों में होम क्वारंटीन के लिए पर्याप्त स्थान है या नहीं। अगर किसी के घर में स्थान कम हो तो लोगों को सरकार के बनाए क्वारंटीन केंद्रों में रखा जाएगा। वहां सरकारी खर्च पर इन लोगों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम होगा।
बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों के कारण हिमाचल में हालात खराब न हों, प्रदेश सरकार ने गुरुवार को कई कड़े फैसले लिए हैं। लॉकडाउन के दौरान होम क्वारंटीन तोड़ने की सूचना न देने पर नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के अध्यक्ष-पार्षदों और पंचायत प्रधान और वार्ड सदस्यों की कुर्सी भी जा सकती है। क्वारंटीन तोड़ने वाले पर भी कानूनी कार्रवाई होगी। साथ ही होम से संस्थागत क्वारंटीन किया जाएगा। यही नहीं बाहर से आने वालों का पंजीकरण अब स्थानीय नगर निकाय और पंचायत में करवाना अनिवार्य होगा।
स्थानीय जन प्रतिनिधियों को ऐसे लोगों की जानकारी हेल्थ वर्कर और आशा वर्कर को भी देनी होगी। इससे स्वास्थ्य विभाग के पास भी इनकी जानकारी पहुंचेगी। साफ्टवेयर पर भी इनकी डिटेल अपलोड की जाएगी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार को मुख्य सचिव ने राज्य आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार ने इन जनप्रतिनिधियों को सर्विलांस अधिकारी नियुक्त किया है। इन पर निगरानी और क्वारंटीन की पूरी जिम्मेदारी होगी।
होम क्वारंटीन तोड़ने की सूचना न देने पर इनके खिलाफ पंचायती राज एक्ट की धारा 146 और एचपी नगर निकाय एक्ट की धारा 273 के तहत कार्रवाई होगी। वहीं, सरकार ने पंचायत सचिव और पंचायत सहायक को नोडल अफसर नियुक्त किया है। शहरी क्षेत्रों में उपमंडल अधिकारी वार्ड नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। बाहर से आने वालों को घरों के भीतर ही रखने के लिए सरकार ने ऐसे लोगों के घरों के बाहर होम क्वारंटीन के पोस्टर लगाने के आदेश जारी किए हैं।
होम क्वारंटीन सही है या नहीं, होगा चेक
प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों का स्वास्थ्य कर्मी और आशा कर्मी घर-घर जाकर चेकअप करेंगे। यह कर्मी देखेंगे कि घरों में होम क्वारंटीन के लिए पर्याप्त स्थान है या नहीं। अगर किसी के घर में स्थान कम हो तो लोगों को सरकार के बनाए क्वारंटीन केंद्रों में रखा जाएगा। वहां सरकारी खर्च पर इन लोगों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम होगा।
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