मंडी: सड़क को तरस रहा गांव, सीएम के जिले में मंजे में मरीज को कंधे से उठा कर ले जाने को मजबूर है लोग
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो।
मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी के तहत आते लांगणा गांव की दलित बस्ती आज भी एंबुलैंस रोड की राह ताक रही है। ग्रामीण यहां आज भी चारपाई से एंबुलैंस तक मरीज पहुंचाने को विवश हैं, ऐसे में जिला के इस गांव के लिए आखिर कब एंबुलैंस रोड निकलेगा और कब युवाओं का पीठ का बोझा उतरेगा इसका जवाब न तो राजनेता दे पा रहे हैं और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधि। प्रशासन तो बस फाइलों में उलझा पड़ा है जबकि यहां एंबुलैंस रोड के अभाव में 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है। वैसे तो जोगिंद्रनगर इलाके में सड़कों का जाल बिछा हुआ है लेकिन लांगणा गांव की दलित बस्ती ही अभी तक सड़क सुविधा से वंंचित है।
कई बार गूंजा मामला, कागजों में ही निकलती रही सड़क
सड़क को गांव तक पहुंचाने का मामला कई बार गूंजा लेकिन सड़क कागजों में ही निकलती रही। राजनेताओं ने भी घोषणाएं की, बजट देने की बात कही लेकिन धरातल पर अभी तक कुछ नहीं हो पाया। ताजा मामले की बात करें तो लांगणा गांव में छत से गिरकर गंभीर रूप से चोटिल हुए एक व्यक्ति को सड़क तक पहुंचाने के लिए युवाओं को चारपाई का सहारा लेना पड़ा। अगर लॉकडाऊन न लगा होता तो चारपाई उठाने वाला भी कोई न मिलता।
एक व्यक्ति की आपत्ति ने रोक रखा है काम
स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव के लिए एंबुलैंस रोड बेहद जरूरी है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने सर्वे भी किए लेकिन एक व्यक्ति की आपत्ति ने सब रोक रखा है। हालांकि ग्रामीणों का आरोप है कि जमीन सरकारी होने के बावजूद सड़क गांव तक पहुंचने से रुकी पड़ी है। स्थानीय निवासी गोविंद राम व विजय कुमार का कहना है कि कई बार हमें बताया जाता है कि जल्द सड़क निकाली जाएगी लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि लांगणा गांव के लिए एंबुलैंस रोड निकाला जाए।
क्या कहते हैं अधिकारी
नायब तहसीलदार मकरीड़ी पूर्ण चंद ने कहा कि गांव का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था। उनकी मांग को उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया गया है। वहीं लोक निर्माण विभाग के एसडीओ राहुल कुमार ने बताया कि विभागीय टीम सड़क के सर्वे के लिए गई थी लेकिन एक व्यक्ति ने अपनी जमीन का हवाला देते हुए आपत्ति जाहिर की थी।
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