पिछले रिटर्न के लिए विलंब शुल्क में कमी; यदि कुछ भी कर देनदारी नहीं हो, तो विलंब शुल्क ‘शून्य’
हिमाचल क्राइम न्यूज़
नई दिल्ली। पीआईबी
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 40वीं बैठक आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। इस बैठक में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों तथा वित्त मंत्रालय एवं राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
जीएसटी परिषद ने कानून और प्रक्रियागत परिवर्तनों पर निम्नलिखित सिफारिशें की हैं:
- व्यापार में सुविधा के लिए उपाय:
ए. पिछले रिटर्न के लिए विलंब शुल्क में कमी:
रिटर्न दाखिल करने में लंबित मामलों को समाप्त करने के उपाय के रूप में जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक की टैक्स अवधि के लिए फॉर्म जीएसटीआर-3बी दाखिल नहीं करने पर विलंब शुल्क को निम्नानुसार कम/माफ कर दिया गया है:
- ‘शून्य’ विलंब शुल्क, यदि कुछ भी कर देनदारी नहीं हो;
- अधिकतम विलंब शुल्क 500रुपये प्रति रिटर्न तय किया गया है, यदि कुछ भी कर देनदारी हो।
विलंब शुल्क की घटी हुई दर01.07.2020 से 30.09.2020के बीच दाखिल किए जाने वाले सभी जीएसटीआर-3बी रिटर्न के लिए लागू होगी।
बी. फरवरी, मार्च और अप्रैल2020 की टैक्स अवधि के लिए देर से रिटर्न दाखिल करने वाले छोटे करदाताओं के लिए कुछ और राहत:
छोटे करदाताओं (5 करोड़ रुपये तक का कुल कारोबार) के मामले में फरवरी, मार्च और अप्रैल, 2020 में की गई आपूर्ति के लिए निर्दिष्ट तारीखों (6 जुलाई 2020 तक क्रमबद्ध) से परे उक्त महीनों के लिए देर से रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज दर को 30.09.2020 तक प्रति वर्ष 18% से घटाकर प्रति वर्ष 9% कर दिया गया है। दूसरे शब्दों में, इन महीनों के लिए छोटे करदाताओं से राहत के लिए अधिसूचित तारीखों (6 जुलाई 2020 तक क्रमबद्ध) तक कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा और उसके बाद 30.09.2020 तक 9% ब्याज लिया जाएगा।
सी. बाद की कर अवधि (मई, जून और जुलाई 2020) के लिए छोटे करदाताओं के लिए राहत:
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 5 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले करदाताओं के लिए विलंब शुल्क एवं ब्याज को माफ करके कुछ और राहत दी गई है, बशर्ते किमई, जून और जुलाई 2020 में की जाने वाली आपूर्ति के लिए फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न सितंबर, 2020 तक अवश्य दाखिल कर दिए जाएं (क्रमबद्ध तारीखों को अधिसूचित किया जाएगा)।
डी. पंजीकरण रद्द करने के निरस्तीकरण की मांग करने वालों के लिए अवधि में एक बार विस्तार:
अपने रद्द जीएसटी पंजीकरण को समय पर बहाल नहीं करा पाए करदाताओं की सुविधा के लिए उन सभी मामलों में पंजीकरण रद्द करने के निरस्तीकरण के लिए30.09.2020 तक आवेदन दाखिल करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है जिनमें पंजीकरण 12.06.2020 तक रद्द कर दिए गए हैं।
- सीजीएसटी अधिनियम 2017 और आईजीएसटी अधिनियम, 2017 में संशोधन करने वाले वित्त अधिनियम, 2020 के कुछ अनुच्छेदों को 30.06.2020 से प्रभावी किया जाएगा।
नोट: जीएसटी परिषद की सिफारिशों को सभी हितधारकों की जानकारी के लिए सरल भाषा में इस विज्ञप्ति में पेश किया गया है। इन्हें संबंधित परिपत्रों/अधिसूचनाओं के माध्यम से प्रभावी किया जाएगा जो इन्हें कानूनन अमल में लाएंगे।
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