जयराम सरकार बढ़ाएगी हिमाचल की हरियाली, 500 को रोजगार, GI टैग और भी कुछ, पढ़िए
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
शिमला। न्यूज़ डेस्क
मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक राज्य के कुल क्षेत्र का 30 प्रतिशत क्षेत्र वन आवरण के अधीन लाने का लक्ष्य रखा गया है जोकि वर्तमान में 27.72 प्रतिशत है। राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 में 12,000 हैक्टेयर भूमि पर पौधरोपण करने का लक्ष्य रखा है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 3,000 हैक्टेयर अधिक है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वन विभाग 1 करोड़ पौधे रोपित करेगा। आगामी वर्षों में इसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा ताकि वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत क्षेत्र पर वन आवरण विकसित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 2020-21 में 15 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है।
इन दो योजनाओं के तहत 200 हैक्टेयर भूमि में किया जाएगा पौधरोपण
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2018-19 में ‘‘सामुदायिक वन संवर्धन योजना’’ एवं ‘‘विद्यार्थी वन मित्र योजना’’ आरंभ की थी। ‘‘सामुदायिक वन संवर्धन योजना’’ के अंतर्गत 2020-21 में साझा वन प्रबंधन समितियों/ग्राम वन विकास समितियों के माध्यम से 200 हैक्टेयर भूमि में पौधरोपण व भू एवं जल संरक्षण कार्य करवाए जाएंगे। इसी वर्ष में ‘‘विद्यार्थी वन मित्र योजना’’ के अन्तर्गत 100 नए स्कूलों का चयन करके उनके नजदीक चिन्हित भूमि में विद्यार्थियों द्वारा पौधरोपण करवाया जाएगा।
पौधशालाओं में तैयार किए जाएंगे 50,000 चंदन के पौधे
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि निजी भूमि पर व्यवसायिक वन्य प्रजातियों के पौधों के रोपण द्वारा अतिरिक्त आय प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार 2020-21 में वन विभाग की पौधशालाओं में 50,000 चंदन के पौधे तैयार करवाएगी ताकि इन्हें आगामी वर्षों में लोगों को निजी भूमि के लिए उपलब्ध करवाया जा सके। हिमाचल प्रदेश में वन विभाग द्वारा तीन बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाएं क्रमशः Improvement of Himachal Pradesh Forest Eco-System Management and Livelihoods, Integrated Development Project for Source Sustainability और HP Forest Ecosystem Climate Proofing Project कार्यान्वित की जा रही हैं। आगामी वित्तीय वर्ष में इन परियोजनाओं के अन्तर्गत 2,500 हैक्टेयर भूमि से लैंटाना का निर्मूलन, 2,500 हैक्टेयर भूमि पर जल संरक्षण एवं प्रबंधन कार्य तथा 5,000 हैक्टेयर भूमि में पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। इन परियोजनाओं के सुचारू रूप से कार्य हेतु 2020-2021 में 139 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं।
500 युवाओं को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि वन विभाग द्वारा नेचर ट्रेल, साहसिक खेल, ट्रैकिंग गाईड इत्यादि गतिविधियों से सम्बन्धित तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करवाया जाएगा जिससे 500 युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने इस बजट भाषण में पर्वत धारा योजना की घोषणा की है। वन क्षेत्र में इस योजना का कार्यान्वयन वन विभाग करेगा। आगामी वित्तीय वर्ष में इसके लिए 20 करोड़ रुपए व्यय करना प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने कुल्लू घाटी में ग्लेशियर के प्रकोप के प्रति संवेदनशीलता के दृष्टिगत प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने की घोषणा की है। इस प्रणाली को स्थानीय लोगों की भागीदारी में कैचमैंट स्तर पर स्थापित किया जाएगा। उन्हांेने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा राज्य और कुल्लू जिले के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मिलकर इस दिशा में काम करेंगे।
कौशल विज्ञान कार्यक्रम’’ परियोजना के अन्तर्गत दी जाएगी ट्रेनिंग
HP State Spatial Data Infrastructure परियोजना के अन्तर्गत शैक्षणिक संस्थानों और अन्य सगठनों को Spatial डेटा उपलब्ध करवाया जाएगा जो विभागीय योजनाओं को बनाने व कार्यान्वित करने में अत्यन्त महत्वपूर्ण होगा। बाॅयोटैक्नाॅलोजी में ‘‘कौशल विज्ञान कार्यक्रम’’ परियोजना के अन्तर्गत 100 स्नातक जैव प्रौद्योगिकी छात्रों को Hands-on Training प्रदान की जाएगी। 2020-21 में हिमाचल प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा करसोग कुल्थ तथा चम्बा जिला के पांगी की ठांगी, चम्बा धातु षिल्प, चम्बा चुख और भरमौरी राजमाह उत्पादों के लिए कम से कम 5 Geographical Indications (GI) पंजीकरण करवाए जाने के प्रयास किए जाएंगे।
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