ऊना: PWD डिपार्टमेंट में 19 लाख कि हेराफेरी, विजिलेंस ने दर्ज़ किया मामला
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ऊना। क्राइम डेस्क
लोक निर्माण विभाग के ऊना स्थित विद्युत मंडल के अधिशासी कार्यालय में करीब 19 लाख रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया है. स्टेट विजिलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो की जिला टीम ने इसी कार्यालय के एक कनिष्ट सहायक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, इस मामले की जांच में विभाग के ही कुछ पूर्व अधिशासी अभियंता पर भी विजिलेंस द्वारा विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।
विजिलेंस ऊना डीएसपी अनिल मेहता ने मामले की जानकारी साझा करते हुए बताया कि पीडब्लूडी के इलेक्ट्रिसिटी सर्कल के अधिशासी अभियंता मनीष भूप्पल ने विजिलेंस विभाग को दी शिकायत में बताया कि उनके कार्यालय में कार्यरत कनिष्ट सहायक राकेश सिंह ने वित्त वर्ष 2019-20 में अधिशासी अभियंताओं को गुमराह करते हुए अपने भविष्य निधि खाते में पैसे न होते हुए भी अग्रिम प्रत्यहरण (एडवांस विड्रॉल) करते हुए 6 निकासियों में करीब 19 लाख रुपए के सरकारी फंड की हेराफेरी करते हुए दुरुपयोग किया है.उन्होंने बताया कि मामले की आरंभिक जांच में यह भी पाया गया है कि तत्कालीन अधिकारियों ने इस अग्रिम प्रत्यहरण को स्वीकृत करते हुए अपने कर्तव्य का जिम्मेदारी से निर्वहन भी नहीं किया है. जबकि कार्यालय के एक कनिष्ठ सहायक और मामले के मास्टरमाइंड आरोपी राकेश सिंह ने अपने भविष्य निधि खाते में राशि न होने का ज्ञान होते हुए भी जाली जीपीएफ विड्रॉल फॉर्म, बैलेंस शीट, ऑफिस सैंक्शन ऑर्डर और एचपीटीआर-4 बिल बनाकर और बाद में उन्हें नष्ट करते हुए सरकारी धन का गबन किया है।
डीएसपी अनिल मेहता ने बताया कि आरंभिक जांच के बाद स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम द्वारा मामले के मास्टरमाइंड आरोपी राकेश सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 और 201 के तहत केस दर्ज किया गया है. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. इसके अतिरिक्त विजिलेंस द्वारा तत्कालीन अधिशासी अभियंताओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है।
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