एनजीटी के आदेशों को चुनौती देने वाली हिमाचल सरकार की याचिकाएं रद्द
हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला। लीगल डेस्क
हिमाचल हाईकोर्ट ने सचिवालय परिसर में निर्माण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों को चुनौती देने वाली प्रदेश सरकार की याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने एनजीटी के उन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके तहत सचिवालय के एलर्जली भवन में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लिफ्ट और रैंप के निर्माण सहित मुख्य भवन सहित अन्य कार्यालयों का विस्तार करने की अनुमति के आवेदन को खारिज कर दिया था।
इस मामले पर फैसला न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सुनाया। राज्य सरकार की दलील थी कि एनजीटी के पास भवन निर्माण को नियंत्रित करने के आदेश पारित करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है। ऐसे मामले वन, पानी और पर्यावरण संरक्षण अधिनियमों के दायरे में नहीं आते हैं।
प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि याचिकाओं में एनजीटी की ओर से सरकार के आवेदनों में पारित आदेशों को चुनौती दी है, जबकि राज्य सरकार की ओर से संबंधित मामले में एनजीटी के अंतिम निर्णय के खिलाफ दायर अपील पहले ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है। कोर्ट ने कहा कि ट्रिब्यूनल की ओर से आवेदनों पर आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। उन पर विचार किया जा सकता है और अपील के साथ फैसला किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह समझ में नहीं आता कि क्यों इस न्यायालय के समक्ष ये याचिकाएं दायर की गई हैं। विशेषतया जब मामला पहले से ही 16 सितंबर 2017 को एनजीटी की ओर से पारित आदेश के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।
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