अकेला चिरानी गुड़िया का हत्यारा नहीं, पिता ने मुख्यमंत्री से मिलकर लगाई न्याय की गुहार
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
शिमला । अमन खांगटा
अकेला चिरानी ही गुड़िया का हत्यारा नहीं है, उसे हत्यारों ने प्लांट किया है। वह गुड़िया का शव ठिकाने लगाने में इस्तेमाल किया गया है। यह बात गुरुवार को गुड़िया के पिता ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष कही। गुड़िया के पिता ने सीएम से उनके सचिवालय स्थित कार्यालय में भेंट कर बेटी के लिए इंसाफ मांगा। गुड़िया की माता और बड़ी बहन ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की। सीएम ने भी उन दोनों को कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया।
शिमला । अमन खांगटा
अकेला चिरानी ही गुड़िया का हत्यारा नहीं है, उसे हत्यारों ने प्लांट किया है। वह गुड़िया का शव ठिकाने लगाने में इस्तेमाल किया गया है। यह बात गुरुवार को गुड़िया के पिता ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष कही। गुड़िया के पिता ने सीएम से उनके सचिवालय स्थित कार्यालय में भेंट कर बेटी के लिए इंसाफ मांगा। गुड़िया की माता और बड़ी बहन ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की। सीएम ने भी उन दोनों को कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया।
गुरुवार को दोपहर के बाद गुड़िया के पिता ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को यह भी कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री की सरकारी वेबसाइट पर पहले कुछ फोटो डाले गए। यही मामले के आरोपी बताए गए। यह सोशल मीडिया पर वायरल हुए। बाद में इन्हें हटा दिया गया। सीबीआई इनके बारे में खामोश क्यों रही। इस बारे में स्थिति साफ की जानी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं किया गया।
इससे सवाल खड़े होते हैं। इस अवसर पर मदद सेवा ट्रस्ट के सचिव विकास थापटा और कानूनी सलाहकार एचएच पंवार भी गुड़िया के परिजनों के साथ रहे। बाद में गुड़िया के पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस मामले को सीबीआई हल्के में न ले। इस केस की लड़ाई दिल्ली तक लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने भी सबूत मिटाने का काम किया। जो सूरज इस असलियत से पर्दा खोल सकता था, उसे ही थाने में मार डाला गया।
इससे सवाल खड़े होते हैं। इस अवसर पर मदद सेवा ट्रस्ट के सचिव विकास थापटा और कानूनी सलाहकार एचएच पंवार भी गुड़िया के परिजनों के साथ रहे। बाद में गुड़िया के पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस मामले को सीबीआई हल्के में न ले। इस केस की लड़ाई दिल्ली तक लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने भी सबूत मिटाने का काम किया। जो सूरज इस असलियत से पर्दा खोल सकता था, उसे ही थाने में मार डाला गया।
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