जयसिंहपुर बचत भवन को मरम्मत की दरकार
हिमाचल क्राइम न्यूज़, ब्यूरो
जयसिंहपुर बाजार के बीचोंबीच बने बचत भवन के आवासीय परिसर का पिछला हिस्सा अनदेखी व मरम्मत के अभाव में गिरने की कगार पर पहुंच गया है। बचत भवन की पिछली दीवार में बड़ी दरार पड़ गई हैं, तो कमरों की बाहरी दीवारों पर लगी खिड़कियों के लगभग सारे शीशे टूट चुके हैं। यही नहीं बचत भवन के पीछे कूड़े और खाली बोतलों के ढेर लगे हुए हैं।
यह बचत भवन करीब 10 साल पहले जिला प्रशासन ने निजी हाथों में दिया हुआ था। अक्तूबर, 2018 में जब तत्कालीन डीसी कांगड़ा ने जयसिंहपुर का दौरा किया था, तो उन्होंने स्थानीय लोगों की मांग पर इसे खाली करवाने के निर्देश दिए थे। इस पर जनवरी महीने में स्थानीय प्रशासन ने उस व्यक्ति से बचत भवन को खाली करवा लिया था। बचत भवन के खाली होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने इसकी मरम्मत करवाकर इसे आम लोगों के लिए खोलने की बात कही थी।
इसके बाद जब राकेश प्रजापति ने बतौर डीसी कार्यभार संभाला था, तो स्थानीय लोगों ने उन्हें बचत भवन की खस्ता हालत के बारे में बताया। इस वर्ष जुलाई माह में एडीसी कांगड़ा राघव शर्मा जब जयसिंहपुर आए, तो डीसी के निर्देशों के तहत उन्होंने जयसिंहपुर के बचत भवन का निरीक्षण किया था तथा इसकी मरम्मत के लिए बीडीओ लंबागांव को एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उसके बाद बचत भवन की हालत सुधारने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रात्रि ठहराव के लिए मात्र लोनिवि विश्राम गृह उपलब्ध
जयसिंहपुर में रात्रि ठहराव के लिए केवल मात्र लोक निर्माण का विश्राम गृह है। यहां न कोई होटल है और न ही कोई गेस्ट हाउस। ऐसे में रात को यहां पहुंचने वाले लोग काफी परेशान होते थे, उन्हें रात होने से पहले अपना काम निपटाकर लौटना पड़ता है। स्थानीय लोगों को भी विवाह शादी या अन्य समारोह होने पर आए मेहमानों को ठहराने के लिए यहां वहां जाना पड़ता है। ऐसे में बचत भवन को प्रशासन द्वारा अपने हाथों में लेने से लोगों में आस जगी थी कि अब उन्हें बचत भवन में रात्रि ठहराव की सुविधा मिल पाएगी, लेकिन प्रशासन द्वारा अपने हाथ में लेने के 10 माह बाद भी हालत खस्ता होने के वावजूद इसकी मरम्मत नहीं हो रही।
जयसिंहपुर बाजार के बीचोंबीच बने बचत भवन के आवासीय परिसर का पिछला हिस्सा अनदेखी व मरम्मत के अभाव में गिरने की कगार पर पहुंच गया है। बचत भवन की पिछली दीवार में बड़ी दरार पड़ गई हैं, तो कमरों की बाहरी दीवारों पर लगी खिड़कियों के लगभग सारे शीशे टूट चुके हैं। यही नहीं बचत भवन के पीछे कूड़े और खाली बोतलों के ढेर लगे हुए हैं।
यह बचत भवन करीब 10 साल पहले जिला प्रशासन ने निजी हाथों में दिया हुआ था। अक्तूबर, 2018 में जब तत्कालीन डीसी कांगड़ा ने जयसिंहपुर का दौरा किया था, तो उन्होंने स्थानीय लोगों की मांग पर इसे खाली करवाने के निर्देश दिए थे। इस पर जनवरी महीने में स्थानीय प्रशासन ने उस व्यक्ति से बचत भवन को खाली करवा लिया था। बचत भवन के खाली होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने इसकी मरम्मत करवाकर इसे आम लोगों के लिए खोलने की बात कही थी।
इसके बाद जब राकेश प्रजापति ने बतौर डीसी कार्यभार संभाला था, तो स्थानीय लोगों ने उन्हें बचत भवन की खस्ता हालत के बारे में बताया। इस वर्ष जुलाई माह में एडीसी कांगड़ा राघव शर्मा जब जयसिंहपुर आए, तो डीसी के निर्देशों के तहत उन्होंने जयसिंहपुर के बचत भवन का निरीक्षण किया था तथा इसकी मरम्मत के लिए बीडीओ लंबागांव को एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उसके बाद बचत भवन की हालत सुधारने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रात्रि ठहराव के लिए मात्र लोनिवि विश्राम गृह उपलब्ध
जयसिंहपुर में रात्रि ठहराव के लिए केवल मात्र लोक निर्माण का विश्राम गृह है। यहां न कोई होटल है और न ही कोई गेस्ट हाउस। ऐसे में रात को यहां पहुंचने वाले लोग काफी परेशान होते थे, उन्हें रात होने से पहले अपना काम निपटाकर लौटना पड़ता है। स्थानीय लोगों को भी विवाह शादी या अन्य समारोह होने पर आए मेहमानों को ठहराने के लिए यहां वहां जाना पड़ता है। ऐसे में बचत भवन को प्रशासन द्वारा अपने हाथों में लेने से लोगों में आस जगी थी कि अब उन्हें बचत भवन में रात्रि ठहराव की सुविधा मिल पाएगी, लेकिन प्रशासन द्वारा अपने हाथ में लेने के 10 माह बाद भी हालत खस्ता होने के वावजूद इसकी मरम्मत नहीं हो रही।
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HP Bureau
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