जयराम के ऐतिहासिक फैसले को हाई कोर्ट में देंगे निज़ी बस ऑपरेटर चुनौती
हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला। ब्यूरो
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में महिलाओं के आधे किराये के फैसले को निजी ऑपरेटर कोर्ट में चुनौती देंगे। निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर और महासचिव रमेश कमल ने दावा किया कि कोर्ट के आदेश हैं कि सरकार ऐसा कोई भी फैसला नहीं ले सकती, जिससे सवारियों का बंटवारा हो। उन्होंने कहा कि किराये में छूट मिलने पर महिलाएं परिवारों के साथ एचआरटीसी बसों में सफर करेंगी, जिससे निजी ऑपरेटरों को नुकसान होगा। एचआरटीसी के पास अपने कर्मियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है।
पेंशनरों को पेंशन नहीं मिल रही है। बसों के लिए टायर और कलपुर्जे नहीं हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। अगर किराये में छूट दी गई तो एचआरटीसी का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने ही 2.19 रुपये प्रति किलोमीटर बस किराया निर्धारित किया है। ऐसे में सरकार अपने इस फैसले को वापस ले। उल्लेखनीय है कि बीते शुक्रवार को हिमाचल दिवस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने महिलाओं के आधे बस किराये की घोषणा की है।
महिलाओं को किराये में छूट के फैसले पर सोशल मीडिया में जमकर निशाना साधा जा रहा है। कुछ लोग जहां इसे झाड़ूू के डर से लिया फैसला करार दे रहे हैं तो कुछ लोग एचआरटीसी बसों की खस्ताहालत का मजाक उड़ा रहे हैं। शनिवार को सोशल मीडिया पर एचआरटीसी की खराब बसों को धक्का लगातीं सवारियों की तस्वीरों वाली पोस्ट दिन भर वायरल हुईं, जिसमें लिखा - आधे किराये वाले अंदर बैठेंगे, पूरे किराये वाले धक्का लगाएंगे। कांगड़ा के निजी बस ऑपरेटर की बस की एक अन्य तस्वीर भी वायरल हुई, जिसमें फ्रंट शीशे पर नोटिस लगा कर महिलाओं और पुरुषों दोनों को किराये में 50 फीसदी छूट का एलान किया गया है।
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