नागरिकता संशोधन बिल पर लोगों का भ्रम दूर करेगी भाजपा
नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) 2019 के संसद से पारित होने के बाद भाजपा ने कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष की ओर से शुरू किए गए सियासी विरोध का काउंटर करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत सभी प्रदेशों में प्रदेश सरकार और संगठन मिलकर लोगों को यह बताएंगे कि आखिर यह बिल क्यों लाया गया। इसमें सबसे प्रमुख बिंदु भारतीय मुसलमानों की नागरिकता को लेकर विपक्ष की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करना होगा।
इस काम को भाजपा और सरकार दोनों के स्तर से गोष्ठियों, प्रेस वार्ताओं और अन्य कार्यक्रमों की मदद से किया जाएगा। सोशल मीडिया की मदद से भी लोगों तक भाजपा अपनी बात को पहुंचाएगी। पूर्वोत्तर समेत विभिन्न राज्यों में उठ रहे विरोध के बीच भाजपा की केंद्रीय कमेटी ने हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ समेत कई राज्यों के भाजपा नेताओं की एक कार्यशाला दिल्ली मुख्यालय में आयोजित की।
इस बैठक में हिमाचल से पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर, प्रदेश भाजपा से महासचिव राम सिंह, मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा, मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा, भाजपा विधायक राकेश जम्वाल और भाजपा आईटी सेल से सह समन्वयक राहुल डोगरा शामिल हुए। कार्यशाला के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव और संबित पात्रा ने विपक्ष के लोगों द्वारा किए जा रहे भ्रामक प्रचार का काउंटर करने के टिप्स दिए।
भाजपा जिन बिंदुओं पर लोगों को समझाने का प्रयास करेगी, उसमें बिल लाने, सिर्फ तीन देशों को चुनने, छह धर्म के लोगों को ही रखने का कारण शामिल है। इसके अलावा इस बात पर खास जोर दिया जाएगा कि यह बिल नागरिकता देने का बिल है इसलिए भारत के नागरिक मुसलमानों की नागरिकता जाने का सवाल हीं नहीं है। इस प्रयास के जरिये भाजपा मोदी सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध और उसकी नीयत पर उठ रहे सवालों को खत्म करने की कोशिश करेगी।
इस बैठक में हिमाचल से पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर, प्रदेश भाजपा से महासचिव राम सिंह, मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा, मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा, भाजपा विधायक राकेश जम्वाल और भाजपा आईटी सेल से सह समन्वयक राहुल डोगरा शामिल हुए। कार्यशाला के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव और संबित पात्रा ने विपक्ष के लोगों द्वारा किए जा रहे भ्रामक प्रचार का काउंटर करने के टिप्स दिए।
भाजपा जिन बिंदुओं पर लोगों को समझाने का प्रयास करेगी, उसमें बिल लाने, सिर्फ तीन देशों को चुनने, छह धर्म के लोगों को ही रखने का कारण शामिल है। इसके अलावा इस बात पर खास जोर दिया जाएगा कि यह बिल नागरिकता देने का बिल है इसलिए भारत के नागरिक मुसलमानों की नागरिकता जाने का सवाल हीं नहीं है। इस प्रयास के जरिये भाजपा मोदी सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध और उसकी नीयत पर उठ रहे सवालों को खत्म करने की कोशिश करेगी।
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