अब दामाद को भी रखना होगा सास-ससुर का ख्याल, नहीं तो होगी जेल
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
शिमला। न्यूज़ डेस्क
सरकार ने मेंटिनेंस ऐंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 (Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act 2007) में विस्तार किया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक (Central cabinet meeting) में इस अधिनियम में संशोधन को मंजूरी मिल गई है। इस अधिनियम के तहत अब न सिर्फ बहू और बेटे बल्कि दामाद (Son in law) को भी अपने सास-ससुर का ख्याल रखना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो 6 महीने की जेल की सजा का प्रावधान रखा गया है। अगले हफ्ते इस बिल को सदन में पेश किया जा सकता है।
जिस अधिनियम को मंजूरी दी गई है उसमें माता-पिता और सास-ससुर को भी शामिल किया गया है, चाहे वे सीनियर सिटिजन हों या नहीं। देखभाल करने वालों में गोद लिए गए बच्चे, सौतेले बेटे और बेटियों को भी शामिल किया गया है। बुजुर्गों की देखभाल करने की शिकायत मिलने पर 6 महीने कैद की सजा हो सकती है, जो अभी तीन महीने है। देखभाल के लिए तय की गई राशि का आधार बुजुर्गों, अभिभावकों, बच्चों और रिश्तेदारों के रहन-सहन के आधार पर किया जाएगा. प्रस्ताव पास होने की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि कि बिल लाने का मकसद बुजुर्गों का सम्मान सुनिश्चित करना है। इस विधेयक से बुजुर्गों के शारीरिक और मानसिक कष्ट में कमी आएगी।
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HP Bureau
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