हिमाचल की पहली और देश की दूसरी महिला IPS का निधन

 हिमाचल क्राइम न्यूज़ 
ब्यूरो, (वैभव कुमार)।


 देश की पहली पुलिस महानिदेशक कंचन चौधरी भट्टाचार्य का 72 साल की उम्र में निधन हो गया.
वो लंबे समय से बीमार थीं और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था जहां उन्होंने सोमवार देर रात आख़िरी सांस ली. वो 1973 बैच की आईपीएस थीं.
90 का दशक शुरू हुआ ही चाहता था, रामायण और महाभारत धारावाहिक अपना जलवा बिखेरकर रवाना हो चुके थे.
1989 में दूरदर्शन पर रात में एक धारावाहिक शुरू हुआ. नाम था "उड़ान."
एक पुलिस अधिकारी कल्याणी सिंह की कहानी- विकट हालात के बीच जूझती लड़ती एक दुस्साहसी महिला. ये किरदार कविता चौधरी ने निभाया था.

सीरियल की निर्माता भी वहीं थी और कहानी भी उनकी ही थी. लिखी हुई भी और शायद बहुत नज़दीक से देखी, भुगती और समझी हुई भी.
क्योंकि धारावाहिक उड़ान मोटे तौर पर उनकी बड़ी बहन कंचन चौधरी की पुलिस ज़िंदगी पर आधारित था.

मूल रूप से हिमाचल की


कंचन चौधरी मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के एक निम्नमध्यवर्गीय परिवार से थी. अमृतसर से अधिकांश पढ़ाई की और दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एमए किया.
साल 2004 में मेक्सिको में हुई इंटरपोल की बैठक में उन्होंने भाग लिया था. उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान का भी दौरा किया था.
साल 1997 में उन्हें प्रेसिडेंट मेडल से सम्मानित किया गया था. पहले यूपी और बाद में उत्तराखंड कैडर लेने से पहले कंचन चौधरी मुंबई में सीआईएसएफ में कार्यरत थीं. उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी कुछ समय काम किया.
आप की उम्मीदवार के रूप में उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अपने पुलिस अनुभवों से जुड़ी एक व्यथा का ज़िक्र करते हुए कहा था कि पुलिस के पास पावर तो है लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं होने दिया जाता. ऐसा कहकर कंचन चौधरी शायद सत्ता राजनीति, अफसरशाही और सिस्टम से जुड़ी विसंगतियों और द्वंद्वों की ओर भी इशारा कर रही थीं.
कंचन चौधरी ने अपने डीजीपी कार्यकाल में भले ही बहुत बड़ी सफलताएं न अर्जित की हों लेकिन महिला सशक्तीकरण के एक प्रतीक की तरह तो उन्हें देखा ही गया. उनका उस पद पर होना आश्वस्ति और प्रेरणा का संकेत था- अपने अपने संघर्षों में जूझतीं पहाड़ से लेकर मैदान तक की लड़कियों और महिलाओं के लिए- वो ख़्वाहिशों की उड़ान थीं.
धारावाहिक बहुत पसंद किया गया. हम सब भाई बहन, पूरा परिवार एक साथ उसे देखते, रोमांचित होते, कल्याणी के साहस की दाद देते और सामाजिक विसंगतियों और संघर्षों का एक धुंधला सा सबक़ भी शायद सीखते रहते थे.
एक दो साल चलकर सीरियल ख़त्म हुआ. लोगों ने धीरे-धीरे अन्य धारावाहिकों का रुख़ किया, टीवी बदलने लगा, दूरदर्शन भी एक दूर की याद की तरह ज़ेहन में कुछ समय और टिमटिमाता रहा. अर्थव्यवस्था और राजनीति के नये दरवाज़े खुल चुके थे.

उत्तराखंड की पुलिस महानिदेशक

साल 2000 में उत्तराखंड बना.
2004 में जब कंचन चौधरी उत्तराखंड की तीसरी पुलिस महानिदेशक बनकर आईं तो लोगों को लगा जैसे उड़ान की कल्याणी अपने किरदार से निकल कर आ गई हो.
इतनी आत्मीयता, ख़ुद्दारी, आकर्षण और रोमांच था उनकी शख्सियत में. सौम्यता और सख्ती के साथ उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी निभाई.
पद संभालते वक़्त उनके तेवर देखते हुए बीबीसी ने उनसे एक बातचीत में पूछा था कि क्या वो सख्त अफ़सर होंगी. उनका जवाब थाः सख्त नहीं संवेदनशील.
डीजीपी का पद संभालते ही वो देश दुनिया में चर्चा में आ गई. इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला पुलिस अधिकारी.
आईपीएस के रूप में किरण बेदी के बाद वो दूसरी महिला थीं.
उत्तराखंड के पुलिसकर्मी और उनके परिवार उन्हें यूं ही सहृदया और उदार अधिकारी के रूप में याद नहीं करते.
कंचन चौधरी भट्टाचार्य पत्रकारों के सवालों के जवाब एक ख़ास रुहानियत और आर्दता के साथ देती थीं. धीरे-धीरे, शब्दों को उनके अर्थ गांभीर्य के साथ बोलती हुईं. उनके जवाब ज़ाहिर है सधे हुए होते थे लेकिन वे कन्विन्स करते थे, ओढ़ाए हुए नहीं रहते थे.
साल 2007 तक वो डीजीपी रहीं और उसके बाद हरिद्वार में अपना आवास बनाया. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर हरिद्वार संसदीय सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं. लेकिन पार्टी पॉलिटिक्स से उन्होंने जल्द ही किनारा भी कर लिया.

Note:- हिमाचल क्राइम न्यूज़ की वेब पोर्टल पर विज्ञापन लगाने हेतु संपर्क करें 8354800009 या  मेल करेंhimachalcrimenews@gmail.com

Himachal Crime News
HP Bureau

Comments

जरा अन्य खबरों पर भी डाले नज़र

दुखद हादसा: पिकअप के खाई में गिरने से 2 लोगों की मौके पर ही मौत, रस्सी से निकाले शव

सुक्खू सरकार और राज्यपाल में तकरार बढ़ी, राजपाल की दो टूक, पढ़ें पूरा mamla

कोरोना कि तरह HMPV वायरस को लेकर हिमाचल में भी अलर्ट जारी

शिमला: पुलिस का रंजन गैंग पर एक्शन जारी, 2 चिट्ठा तस्कर युवतियां गिरफ्तार

ऊना: 15 साल कि नाबालिग के साथ 21 वर्षीय युवक ने किया दुष्कर्म

सुक्खू सरकार ने बनाई लिस्ट, 2025 से इन लोगों नहीं मिलेगी बिजली की सब्सिडी

बम की तरह फटा मोबाइल फोन, 20 साल की युवती की मौत, 7 दिन तक जूझती रही किरण, लेकिन होश ना आया

हमीरपुर: कड़ाके कि ठंड में टैंट में रहने को मजबूर, सुक्खू सरकार से लगाई गुहार

दिवाली से पहले बुझ गए 5 घरों के 'चिराग', बहन की डोली ससुराल छोड़कर लौट रहे थे घर

बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें, यातयात प्रभावित होने दर्जनों गाड़ियां ट्रैफिक जाम में फंसी