पढ़ाई से बचने के लिए बच्चे ने रचा अपहरण का ड्रामा
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो कांगड़ा। सहयोगी संवाददाता
बच्चा चोर गिरोह की अफवाहों के बीच एक बच्चे ने अपने अपहरण का ड्रामा खुद ही रच डाला। पढ़ाई से बचने के लिए इस बच्चे ने खुद को जख्मी भी कर डाला। घायलावस्था में बच्चे को उपचार के लिए धर्मशाला अस्पताल पहुंचाया तो उसने अपहरण होने और अपहरणकर्ताओं द्वारा उसे घायल करने की कहानी सुनाई। जब पुलिस ने मामले की तहकीकात की तो यह सामने आया कि इस बच्चे ने सारा ड्रामा खुद ही रच डाला था।
यह मामला संस्कृत महाविद्यालय चामुंडा में पढ़ाई कर रहे एक 15 साल के छात्र से जुड़ा है। इस नाबालिग छात्र ने पढ़ाई से बचने के लिए अपने अपहरण की कहानी रच डाली। इतना ही नहीं इसने अपनी कहानी को सही दिखाने के लिए अपने बाजू और छाती पर कट भी लगा लिए थे। उसका कहना था कि अपहरणकर्ताओं ने उसके साथ यह सलूक किया है और वह जैसे-तैसे उनके चंगुल से छूटकर निकला है।
एसपी कांगड़ा विमुक्त रंजन ने बताया कि इस बच्चे ने पुलिस और परिजनों को अपने अपहरण की कहानी सुनाई थी, जो कि छानबीन में झूठी साबित हुई है। उन्होंने बताया कि बच्चे का उपचार चल रहा है और वह स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी।
एसपी ने कहा कि बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की बातें कोरी अफवाहें हैं। उन्होंने लोगों से इन अफवाहों पर ध्यान और इन्हें बढ़ावा नहीं देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अभी तक जिला में बच्चा चोरी होने का एक भी मामला दर्ज़ नहीं किया गया है। कुछ लोग अफवाहों के चलते अज्ञात लोगों के साथ मारपीट कर रहे हैं वह ऐसा न करें। हां यदि कोई संदिग्ध लगता है तो उसकी सूचना पुलिस को दें।
आईपीएस विमुक्त रंजन, पुलिस अधीक्षक कांगड़ा |
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HP Bureau
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