हिमाचल : दो साल में हो चुकी 353 पैदल यात्रियों की मौत, हिमालयी राज्यों में पहले स्थान पर हिमाचल, दूसरे पर उत्तराखंड


हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
हमीरपुर। रजनीश शर्मा 
File photo

हिमाचल  की सड़कें पैदल चलने वालों के लिए भी बेहद खतरनाक हैं। दो साल में प्रदेश के नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर 353 पैदल यात्री अपनी जान गंवा चुके हैं। हिमालयी राज्यों में हिमाचल  पैदल यात्रियों की मौत के मामले में पहले स्थान पर है। उत्तराखंड में दो सालों में 273 पैदल यात्री मौत का शिकार बने।

पैदल यात्रियों की सड़कों पर मौत का ये आंकड़ा इसलिए भी ज्यादा प्रमाणिक है कि क्योंकि सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने लोकसभा में दिया है। चिंता वाली बात यह है कि देश और प्रदेश की सड़कें पैदल चलने वालों के लिए घातक बनती जा रही हैं। 

हिमाचल  प्रदेश में पिछले  वर्षों में सड़कों की लंबाई तो बढ़ी, लेकिन उस गति से सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य नहीं हो पाया।  

पैदल यात्रियों की मौत का आंकड़ा

  1. राज्य                2017          2018
  2. हिमाचल            171            182    
  3. उत्तराखंड            127            146
  4. जम्मू कश्मीर        62            103
  5. मेघालय                46            25
  6. मिजोरम                18            09
  7. सिक्किम                10            03
  8. त्रिपुरा                    57            68    
  9. अरुणाचल प्रदेश     03               08    
  10. नागालैंड                05                07
  11. मणिपुर                    15                21


सड़कों के किनारे फ़ुटपाथों पर अतिक्रमण 

हालाँकि माना जाता है कि  पैदल यात्री का सड़क पर पहला अधिकार है। लेकिन सुरक्षा के इंतजाम न होने से सड़कें असुरक्षित हैं। जिन सड़कों के किनारों पर फुटपाथ होते हैं, उन पर अतिक्रमण होता है, जिससे पैदल यात्री मजबूरन सड़कों का इस्तेमाल करते हैं। कायदे से सड़कें पैदल यात्रियों को ध्यान में रखकर तैयार होनी चाहिए।

पैदल यात्रियों के हिसाब से बनें सड़कें

वास्तविकता में सड़कें  उन पर दौड़ने वाले वाहनों के हिसाब से बनती हैं।पैदल चलना वाला बुज़ुर्ग, महिला या स्टूडेंट सड़क पर कहाँ चले इसके लिए नई बन रही सड़कों में भी कोई प्रावधान नहीं। पहाड़ में जगह की कमी के कारण पैदल चलने वालों को सड़क पर ही चलना होता है। प्रदेश की सड़कों पर फुट ओवर ब्रिज भी नहीं हैं। सीमित संसाधनों में इन्हें नहीं बनाया जा रहा है। परिवहन के कानून को सख्ती से लागू कराकर भी हादसों को रोका जा सकता है। 

भारत में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति

🔴 भारत में  प्रत्येक 1 मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है तथा इन दुर्घटनाओं के कारण प्रत्येक 3.5 मिनट में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
🔴 प्रत्येक एक घंटे में लगभग 17 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण होती है।
🔴 सड़क दुर्घटनाओं के कारण भारत को हर साल लगभग 4.07 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होता है।
🔴 भारतीय सड़कों पर प्रतिदिन 46 बच्चों की मौत हो जाती है।
🔴 पिछले दशक में सड़क दुर्घटना के कारण 50 लाख से अधिक लोगों को गंभीर चोटें आईं या वे दुर्घटना के कारण अपंग हो गए तथा 10 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई।
🔴 सड़क दुर्घटना के कारण होने वाली इन मौतों को 50% तक कम किया जा सकता था यदि घायलों को त्वरित सहायता मिल पाती।
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HP Bureau

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