Mandi News: नहीं रहे मंडी रियासत के राजा 90 वर्षीय अशोक पाल सेन, अंतिम संस्कार आज
हिमाचल क्राइम न्यूज़
मंडी। अमित कुमार
हिमाचल प्रदेश के मंडी रियासत (Mandi Province) के राजा अशोक पाल सेन का मंगलवार को मंडी राजमहल परिसर में स्थित भवानी निवास पर निधन हो गया. वह 90 साल के थे. वह पिछले दो सालों से शारीरिक विषमताओं से जूझ रहे थे.
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार (Cremations) बुधवार को ब्यास नदी किनारे पंचवक्तर मंदिर परिसर में होगा. वह अपने पीछे एक बेटा ओमेश्वर सिंह व बेटी सिद्धेश्वरी छोड़ गए हैं. अशोक पाल सेन कुल्लू के राजा व पूर्व सांसद महेश्वर सिंह के बहनोई थे. उनकी पत्नी किरण कुमारी का कई साल पहले ही निधन हो गया था. निधन के वक्त उनका बेटा ओमेश्वर दिल्ली में था जो देर शाम मंडी पहुंच गया.
1986 में राजा की गद्दी मिली
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार बुधवार को सुबह 10 बजे उनकी अंतिम यात्रा भवानी निवास से चलेगी. अशोक पाल सेन को वर्ष जून 1986 में उस समय राजा की गद्दी मिली थी, जब उनके पिता मंडी के राजा जोगिंदर सेन का निधन हो गया था. हालांकि, अब सरकारी तौर पर राजाओं के शासन खत्म हो गए हैं, मगर राज परिवारों की अंदरूनी व्यवस्था को देखते हुए ओमेश्वर सिंह को तिथि तय करके अगला राजा घोषित किया जाएगा. राज परिवार के अनुसार मंडी जिला प्रशासन को सूचित कर दिया गया है कि प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार मंडी के राजा का निधन होने की सूरत में उनका अंतिम संस्कार ब्यास नदी किनारे पंचवक्तर मंदिर के साथ किया जाता है और इसी परंपरा का निवर्हन करते हुए अशोक पाल सेन का अंतिम संस्कार भी वहीं किया जाना चाहिए.
आधा दिन बाजार रहेगा बंद
मंडी व्यापार मंडल ने अशोक पाल सेन के निधन पर शोक जताते हुए बुधवार को आधा दिन के लिए बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है. यह जानकारी व्यापार मंडल के प्रधान राजेश महेंदू्र व महासचिव प्रशांत बहल ने दी. इसके अलावा अंतिम संस्कार के मौके पर राज परिवारों से जुड़ी कई हस्तियां शामिल हो सकती हैं.
क्या परेशानी थी
जानकारी के अनुसार, उनका जन्म मंडी रिसासत में राजा जोगिंदर सेन के घर 5 अगस्त 1931 को हुआ था। वह दो साल से टांगों में दिक्कत के चलते चल फिर नहीं पा रहे थे और व्हील चेयर पर ही रहते थे. उनकी बेटी सिद्धेश्वरी उनके साथ रहती थी. मंडी के लोगों ने अशोक पाल सेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. स्थानीय निवासी आकाश शर्मा ने बताया कि राज परिवार का मंडी शहर के विकास में अहम योगदान है और इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
शिवरात्रि पर असर?
राजा अशोक पाल सेन के निधन से इस बार शिवरात्रि महोत्सव पर भी असर पड़ सकता है. क्योंकि प्राचीन परंपराओं के अनुसार जिला के प्रमुख देवी देवता सबसे पहले राज परिवार के पास ही अपनी हाजिरी भरते हैं और राजा ही सभी देवी देवताओं का स्वागत भी करता है. यही कारण है कि इस बार शिवरात्रि महोत्सव में कुछ असर पड़ सकता है.
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