कर्ज सीमा बढ़ाने का विधेयक पारित, विपक्ष का वाकआउट
हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला। न्यूज़ डेस्क
विधानसभा के बजट सत्र के 14वें दिन वीरवार को राजकोषीय उत्तरदायित्व प्रबंधन संशोधन विधेयक 2021 पारित हो गया। इससे पहले चर्चा के दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब हंगामा हुआ। राज्य सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में कर्ज सीमा तीन से बढ़ाकर पांच फीसदी करने का विधेयक पेश किया गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस विधेयक को पास कर सरकार कर्जा लेने की सीमा बढ़ाना चाहती है। इससे जनता पर टैक्स का बोझ पड़ेगा। ऐसे में विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के लिए कहा। करीब आधे घंटे तक इस पर चर्चा चलती रही। शोरशराबे के बीच विधेयक पारित करने से पहले ही विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
वीरवार को सदन में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह विधेयक केवल 2019-20 में लिए कर्जे से संबंधित है। इस कार्यकाल में खर्चा बढ़ गया था। पूर्व कांग्रेस सरकार के तीन साल के कार्यकाल में भी सीमा से ज्यादा कर्ज लिया गया है। इस व्यवस्था को सुधारने के लिए यह बिल लाया गया है। राज्य का अपना अधिनियम है। यह एक तकनीकी मामला है। भारद्वाज ने कहा कि हम कांग्रेस की गलती सुधार रहे हैं। कांग्रेस ने प्रदेश को कर्ज में डुबोया है।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कर्ज की सीमा बढ़ाने से जनता पर टैक्स का बोझ पड़ेगा। सरकार को चाहिए कि वह केंद्र से वित्तीय मदद मांगे। प्रदेश पर 60 हजार करोड़ का कर्ज है। एक साल में यह कर्जा बढ़कर 85 हजार करोड़ हो जाएगा। इस बिल के पास करने से राज्य का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इससे पहले माकपा विधायक राकेश सिंघा, कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी, हर्षवर्धन सिंह और आशा कुमारी ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।
ब्राह्मण के हाथों कराया जा रहा पाप
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वीरवार को सदन में नहीं थे। इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा-भारद्वाज जी यह पाप आपके हाथों कराया जा रहा है। आप ब्राह्मण हैं, ऐसा गलत काम मत करो। आने वाली पीढ़ी आपको कोसेगी।
काला दिवस मनाया जाएगा आज का दिन
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कर्ज की सीमा बढ़ाने का यह विधेयक काले दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके पारित होने से हिमाचल प्रदेश का दिवालिया पिट जाएगा। सदन के बाहर मुकेश ने कहा कि सरकार धक्केशाही से कर्ज की सीमा दोगुना कर रही है। बजट भाषण में इसका उल्लेख नहीं है। प्रदेश कैबिनेट नई दिल्ली जाकर केंद्र से 60 हजार करोड़ रुपये के कर्ज को एकमुश्त माफ करने की मांग उठाए। राहत पैकेज मांगे। विपक्ष भी साथ देने को तैयार है।
पेट्रोल-डीजल पर वैट नहीं घटाएगी सरकार
पेट्रोल और डीजल पर प्रदेश सरकार का वैट घटाने का कोई विचार नहीं है। प्रश्नकाल के दौरान विधायक राकेश सिंघा के सवाल का लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि बीते तीन वर्ष के दौरान 31 जनवरी, 2021 तक 2831.5 करोड़ रुपये का राजस्व पेट्रोल और डीजल पर वैट लगाकर प्राप्त हुआ है।
हिमाचल को केंद्र के पास रखा गिरवी: सिंघा
माकपा विधायक राकेश सिंघा ने सदन से वाकआउट करने के बाद कहा कि आज का दिन प्रदेश के इतिहास में दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। वित्तीय घाटा तीन या पांच फीसदी होने का झगड़ा नहीं है। आज प्रदेश की जनता को हमेशा के लिए भारत सरकार के पास गिरवी रखने का फैसला ले लिया गया है। देनदारी जो भारत सरकार की हिमाचल के लिए थी, वो देनदारी प्रदेश सरकार ने सरेंडर कर दी है। 2017 में जब अरुण जेटली वित्त मंत्री थे तो एक समझौता हुआ था। उसके तहत मार्च 2022 तक 14 फीसदी कर का हिस्सा हिमाचल को मिलना था लेकिन, बीच में केंद्र सरकार ने हाथ खड़े कर दिए। फिर प्रदेश सरकार पर अपने अधिकार छोड़ने का दबाव बनाया गया। जिसके चलते विधानसभा में कानून पास हुआ है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान और संघीय ढांचे पर इससे प्रहार हुआ है।
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