पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य पर एकदिवसीय राज्यस्तरीय परिसंवाद
हिमाचल क्राइम न्यूज़
हमीरपुर। ब्यूरो
भाषा एवं संस्कृति विभाग और नेता जी सुभाष चंद्र बोस स्मारक राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर के इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य पर स्वर्णिम हिमाचल के अंतर्गत शनिवार को जिला भाषा अधिकारी कार्यालय सलासी में एक दिवसीय राज्यस्तरीय परिसंवाद आयोजित किया गया।
इस एकदिवसीय परिसंवाद में कुल तीन सत्र आयोजित किए गए जिनमें लगभग पंद्रह शोध-पत्र पढ़े गए। उदघाटन सत्र के मुख्यातिथि प्रसिद्ध साहित्यकार रूप लाल, विशिष्ट अतिथि जिला लोक संपर्क अधिकारी हेमंत शर्मा, सत्राध्यक्ष डा. अंजु बत्ता सहगल प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर तथा परिसंवाद के संरक्षक जिला भाषा अधिकारी निकू राम ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम के मुख्यातिथि रूप लाल ने इतिहास एवं भूगोल की महत्ता को प्रकट किया। विशिष्ट अतिथि हेमंत शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि इतिहास का भी अपना एक इतिहास होता है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर में महल मोरिया सहित पुरातन महत्व की कई धरोहरें बिखरी पड़ी हैं। यहां की समृद्ध संस्कृति को दर्शाते धाजा व भजन मंडलियों के उद्भव एवं इनके प्राचीन स्वरूप पर शोधकर्ताओं को कार्य करना चाहिए।
प्रथम तकनीकी सत्र डा. ओम दत्त सरोच की अध्यक्षता में सम्पादित हुआ जिसमें डा. संजय, अजीत दीवान, रत्न चंद रत्नाकर और अन्य गणमान्य विद्वानों ने अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। द्वितीय सत्र डा. संजय कुमार सहायकाचार्य भूगोल राजकीय महाविद्यालय बड़सर की अध्यक्षता में सम्पादित हुआ जिसमें नेम राज, सपना, कार्तिक, डा. राज कुमार, मनोहर लाल, सुश्री पूजा देवी आदि ने अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। इस राज्य स्तरीय परिसंवाद में जिला हमीरपुर के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापकों सहित हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के प्राध्यापक, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र धर्मशाला के प्राध्यापक, राजकीय महाविद्यालय नौरा के प्राध्यापक, पंजाब विश्विद्यालय के शोधार्थी, जिला हमीरपुर के ज्येष्ठ लेखकों एवं साहित्यकारों सहित हमीरपुर महाविद्यालय के इतिहास विभाग के छात्र उपस्थित रहे। जिला भाषा अधिकारी निकू राम ने कहा कि परिसंवाद का मुख्य उद्देश्य जिला हमीरपुर के इतिहास एवं संस्कृति का शोधपरक अध्ययन एवं लेखन तथा हमीरपुर के अनछुए ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं को समाज के समक्ष लाना है।
परिसंवाद का मुख्य विषय - हमीरपुर का इतिहास एवं संस्कृति था जिसके अंतर्गत हमीरपुर का इतिहास, हमीरपुर के ऐतिहासिक एवं पुरातात्त्विक स्थल - राजमहल, दुर्ग, जलस्रोत आदि , हमीरपुर के स्वतन्त्रता सेनानी, हमीरपुर की भाषायी विविधता, हमीरपुर की संस्कृति - वेशभूषा , आभूषण, खान-पान, लोककलाएँ, लोकगीत, लोकनाट्य, लोकनृत्य, वाद्य-यंत्र आदि, हमीरपुर के रीतिरिवाज एवं लोकमान्यताएं, हमीरपुर के मंदिर, हमीरपुर के मेले आदि उपविषयों पर शोध पत्र पढ़े गए। परिसंवाद के संयोजक डा. राकेश शर्मा ने सभी उपस्थित जनों का स्वागत किया तथा आयोजन सचिव डा. राज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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