पहला नवरात्र आज, सुबह से ही मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नव दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री का महत्व और शक्तियां अनन्त हैं। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है। उपासना में योगी मन को मूलाधार चक्र में स्थित कर साधना करते हैं।
शारदीय नवरात्र आज रविवार से प्रारम्भ हो रहे हैं।
मां दुर्गा की प्रतिमा ऐसे करें स्थापित...
माँ दुर्गा की चौकी स्थापित करने की विधि: नवरात्री के पहले दिन एक लकड़ी की चौकी लें। इसको गंगाजल से पवित्र कर लें और इसके ऊपर सुन्दर लाल वस्त्र बिछा लें। इसको कलश के दायीं और रखना चाहिए। उसके बाद माँ शेरावाली की धातु की मूर्ति अथवा नवदुर्गा की फोटो स्थापित करनी चाहिए। माँ दुर्गा को लाल चुनरी उड़ाए और उनसें नौ दिनों तक इस चौकी पर विराजने के लिए प्रार्थना करें। उसके बाद माँ को दीपक दिखाइए और धूप, फूलमाला, इत्र समर्पित करें। प्रसाद स्वरूप फल और मिठाई अर्पित करें
नवरात्रि (Navratri Puja, Kalash Sthapana, Shubh Muhurt) में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है
29 सितंबर से नवरात्रि पूजा शुरू हो रही है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना और विधि विधान के साथ पूजा होती है। आइए जानते हैं कौन से हैं मां जगदंबा के वो नौ स्वरूप:
पहले दिन- मां शैलपुत्री
दूसरे दिन- मां ब्रह्मचारिणी
तीसरे दिन- मां चंद्रघंटा
चौथे दिन- मां कुष्मांडा
पांचवें दिन- मां स्कंद माता
छठे दिन- मां कात्यानी
सातवें दिन- मां कालरात्रि
आठवें दिन- मां महागौरी
नवें दिन- मां सिद्धिदात्री
पहले दिन- मां शैलपुत्री
दूसरे दिन- मां ब्रह्मचारिणी
तीसरे दिन- मां चंद्रघंटा
चौथे दिन- मां कुष्मांडा
पांचवें दिन- मां स्कंद माता
छठे दिन- मां कात्यानी
सातवें दिन- मां कालरात्रि
आठवें दिन- मां महागौरी
नवें दिन- मां सिद्धिदात्री
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HP Bureau
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