नालागढ़ में जहरीली घास चरने से एक दर्जन मवेशियों की मौत
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो बीबीएन। न्यूज डेस्क
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औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में जहरीली घास खाने से दर्जन मवेशियों की मौत हो गई है। कई अभी जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि जहां मवेशियों को चरने के लिए छोड़ा गया था, वहां किसी ने कीटनाशक का छिड़काव कर दिया था। नालागढ़ से स्वारघाट मार्ग पर महादेव खंड के समीप निर्मित शिवशंकर गोशाला के मवेशी जहरीली घास खाने के बाद से एक-एक करके मरने लगे हैं।
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आसपास के गांव के कुछ लोगों के भी मवेशी मर चुके हैं। गोशाला के प्रधान दौलतराम ने कहा कि उनकी गोशाला में 700 के करीब मवेशी हैं। करीब 100 गायें गोशाला से बाहर चरने जाती हैं। उन्होंने बताया कि किसी शरारती तत्व की ओर से घास में जहरीला पदार्थ छिड़कने के कारण मवेशियों की मौत हुई है।
तीन मवेशियों ने रास्ते में आते वक्त दम तोड़ दिया।
अभी तक करीब एक दर्जन मवेशी मर चुके हैं। गोशाला प्रबंधकों ने तुरंत इसकी सूचना चिकित्सकों को दी। गोशाला के प्रधान दौलतराम ने बताया कि आसपास के गांवों के भी कई मवेशी जहरीली घास खाने से मरे हैं। उन्होंने प्रशासन और सरकार से ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही कहा कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार हिमाचल में जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर लोगों में जागरूकता न होने से वे जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल फसलों को उगाने के लिए कर रहे हैं। उधर, पशुपालन विभाग के चिकित्सक ओंकार ने बताया कि बीमार पशुओं का इलाज किया जा रहा है। मृत पशुओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कारणों का सही पता लगेगा।
तीन मवेशियों ने रास्ते में आते वक्त दम तोड़ दिया।
अभी तक करीब एक दर्जन मवेशी मर चुके हैं। गोशाला प्रबंधकों ने तुरंत इसकी सूचना चिकित्सकों को दी। गोशाला के प्रधान दौलतराम ने बताया कि आसपास के गांवों के भी कई मवेशी जहरीली घास खाने से मरे हैं। उन्होंने प्रशासन और सरकार से ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही कहा कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार हिमाचल में जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर लोगों में जागरूकता न होने से वे जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल फसलों को उगाने के लिए कर रहे हैं। उधर, पशुपालन विभाग के चिकित्सक ओंकार ने बताया कि बीमार पशुओं का इलाज किया जा रहा है। मृत पशुओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कारणों का सही पता लगेगा।
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