राष्ट्रपति की अनुमति:भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो नई दिल्ली। अखिल चौधरी/नवनीत अग्रवाल
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद (Ram janmbhoomi-Babari Masjid) केस की सुनवाई 32वें दिन में पहुंची तो एक दलील पर नाराज़गी जताते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) रंजन गोगोई ने कहा 'क्या है ये! कब तक सुनवाई चलेगी? मेरे रिटायरमेंट के आखिरी दिन तक?' 17 नवंबर को रिटायर (Retirement) हो रहे जस्टिस गोगोई ने 18 अक्टूबर तक अयोध्या के इस मामले में (Ayodhya Case) फैसला हो जाने की इच्छा और उम्मीद जताई है. आपके लिए अब ये जानना दिलचस्प हो सकता है कि जस्टिस गोगोई के बाद देश का मुख्य न्यायाधीश कौन होगा.
पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा (Dipak Misra) के रिटायर होने के बाद पिछले साल 3 अक्टूबर को जस्टिस रंजन गोगोई ने सीजेआई का पद संभाला था. तकरीबन दो महीने बाद जस्टिस गोगोई (Justice Gogoi) रिटायर होंगे और 2014 से यानी पिछले पांच सालों में देश को सातवां सीजेआई मिलेगा. ये भी दिलचस्प है कि अगले पांच से छह सालों के भीतर देश में फिर सात सीजेआई (Upcoming CJI) हो सकते हैं.
ब्यूरो नई दिल्ली। अखिल चौधरी/नवनीत अग्रवाल
भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के होने वाले नए मुख्य न्यायाधीश |
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद (Ram janmbhoomi-Babari Masjid) केस की सुनवाई 32वें दिन में पहुंची तो एक दलील पर नाराज़गी जताते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) रंजन गोगोई ने कहा 'क्या है ये! कब तक सुनवाई चलेगी? मेरे रिटायरमेंट के आखिरी दिन तक?' 17 नवंबर को रिटायर (Retirement) हो रहे जस्टिस गोगोई ने 18 अक्टूबर तक अयोध्या के इस मामले में (Ayodhya Case) फैसला हो जाने की इच्छा और उम्मीद जताई है. आपके लिए अब ये जानना दिलचस्प हो सकता है कि जस्टिस गोगोई के बाद देश का मुख्य न्यायाधीश कौन होगा.
भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई |
पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा (Dipak Misra) के रिटायर होने के बाद पिछले साल 3 अक्टूबर को जस्टिस रंजन गोगोई ने सीजेआई का पद संभाला था. तकरीबन दो महीने बाद जस्टिस गोगोई (Justice Gogoi) रिटायर होंगे और 2014 से यानी पिछले पांच सालों में देश को सातवां सीजेआई मिलेगा. ये भी दिलचस्प है कि अगले पांच से छह सालों के भीतर देश में फिर सात सीजेआई (Upcoming CJI) हो सकते हैं.
मोदी सरकार में अब तक रहे छह सीजेआई
साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने केंद्र सरकार बनाई थी, उससे एक ही महीने पहले राजेंद्रमल लोढ़ा सीजेआई के तौर पर नियुक्त किए गए थे. मोदी सरकार बनने के सिर्फ चार महीने बाद ही एचएल दत्तू सीजेआई बने जो एक साल से ज़्यादा वक्त तक इस पद पर रहे. उनके बाद टीएस ठाकुर ने भी एक साल से ज़्यादा का समय सीजेआई पद पर गुज़ारा. जनवरी 2017 में जगदीश सिंह खेहर सीजेआई नियुक्त किए गए लेकिन आठ ही महीने बाद अगस्त 2017 में दीपक मिश्रा ने ये पद संभाला. अक्टूबर 2018 से रंजन गोगोई देश के मुख्य न्यायाधीश हैं, जो आगामी नवंबर में रिटायर होंगे.
32वें दिन अयोध्या मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस गोगोई ने फैसले के लिए 18 अक्टूबर तारीख मुफीद मानते हुए कहा, 'यदि हम इस मामले में चार सप्ताह में फैसला सुना देते हैं तो यह अद्भुत होगा.' नवंबर में गोगोई के रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े का नाम लगभग तय है. अप्रैल 2013 में जस्टिस बोबड़े की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर की गई थी.
साल 2025 तक कौन होंगे सीजेआई?
अगर कुछ आकस्मिक स्थिति नहीं बनी, तो नवंबर 2019 में जस्टिस बोबड़े सीजेआई बनेंगे. अप्रैल 2021 में जस्टिस एनवी रामन्ना उनकी जगह लेंगे. इसके बाद अगस्त 2022 में जस्टिस उदय यू ललित मुख्य न्यायाधीश होंगे और नवंबर 2022 में ही जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ उनकी जगह लेंगे. इसके बाद 2024 में जस्टिस संजीव खन्ना सीजेआई बन सकते हैं. यानी अभी जस्टिस गोगोई से देखा जाए तो 2025 तक फिर सात सीजेआई देश को मिलेंगे.
क्या हैं सीजेआई बनने के नियम?
सुप्रीम कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है. हालांकि सीजेआई के पद पर नियुक्ति के लिए उम्र के बजाय इस बात को ज़्यादा तवज्जो दी जाती है कि किस जज को सुप्रीम कोर्ट में कब नियुक्त किया गया यानी सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर उसकी सीनियोरिटी कितनी है. इस हिसाब से अगले सीजेआई के बारे में स्थिति तकरीबन साफ होती है. नियत समय से पहले रिटायरमेंट, आकस्मिक मृत्यु या महाभियोग जैसी कोई स्थिति बनने पर निर्धारित कार्यक्रम में फेरबदल संभव होता है.
एक और दिलचस्प नियम
अगर सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर हाईकोर्ट के दो जजों की नियुक्ति एक साथ यानी एक ही दिन हुई हो तो पहले सीजेआई बनने का मौका किसे मिलेगा? इस बारे में नियम ये है कि सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर जिसने पहले शपथ ली होगी, उसे पहले मौका दिया जाएगा. इस आधार पर नहीं कि हाई कोर्ट में किसका अनुभव कितना ज़्यादा रहा है.
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HP Bureau
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