दूधिया रोशनी से जगमगाया ब्यास पुल, अब रात का नजारा हुआ बेहद खूबसूरत
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो कांगड़ा। गुरुदेव राणा
रात में बेहद खूबसूरत हो जाता है नजारा
दूधिया रोशनी से रात को ब्यास पुल का नजारा बेहद ही खूबसूरत हो जाता है। यहां तक अब आने जाने वाले राहगीर अब बेहद खुश हैं। पर्यटकों को भी ब्यास पुल काफी मनमोहक लग रहा है। दिन के समय में भी इस पुल से नजारा देखने वाला होता है। सर्दियों में धौलाधार पर्वत पर बर्फ की सफेद चादर यहां से बिल्कुल साफ दिखती है। पर्यटक अक्सर इन तस्वीरों को कैमरे में कैद करते देखे जा सकते हैं
पंजाब के सीएम ने किया था ब्यास पुल का उद्धघाटन
सन 1962 में तत्कालीन पंजाब सरकार के पहले मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैहरों ने किया था पुल का उद्धघाटन। हिमाचल प्रदेश के गठन के पूर्व यह इलाका पहले पंजाब के होशियारपुर से जुड़ा था। उस वक्त लगभग दो साल में यह पुल बनकर तैयार हुआ था और तत्कालीन मुख्यमंत्री ने यहां आकर इस पुल का उद्धघाटन किया। देहरा के सुशील शर्मा ने बताया कि यह पुल पंजाब सरकार के समय में बनाया गया था। इसका उद्धघाटन पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैहरों ने किया था। उन्होंने कहा कि सन 1962 से लेकर आजदिन तक लाइटें जगी नहीं। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष पहले यहां लाइटें लगी जो कुछ दिन जगाई गई। उन्होंने कहा कि इन लाइटों को शनि मंदिर लोअर सुनहेत देहरा के प्रबंधक पुजारी मनोज भारद्वाज द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इनके अलावा गरली से डॉ हरिकृष्ण जोली द्वारा भी इसमें सहयोग किया गया है।
पुल पर होती थी दुर्घटनाएं, पुजारी मनोज भारद्वाज ने दी लाइटें, जगमगाया ब्यास पुल
शनि मंदिर लोअर सुनहेत देहरा के प्रबंधक पुजारी मनोज भारद्वाज ने कहा कि हमनें एसडीएम देहरा धनवीर ठाकुर से निवेदन किया था कि 60 साल पुराने इस पुल पर कई वर्षों पहले लाइट लगी, जोकि कुछ महीने ही चल सकी। इसके बाद इस पुल पर अंधेरे के कारण बहुत दुर्घटनाएं हुई। जिसके बाद एसडीएम देहरा ने हमारी बात को माना। उन्होंने कहा कि फिर हमनें लाइटें दी और आज से यह जगमगाने शुरू हो गई है।
एसडीएम बोले देहरा पुल आज से जगमगाया, देहरा वासियों को बधाई
एसडीएम देहरा धनवीर ठाकुर ने कहा कि मेरे ध्यान में यह बात लाई गई कि पिछले कई सालों से ब्यास नदी पर बने पुल पर लाइटें काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि मैंने नगर परिषद से इस मामले को उठाया तो उन्होंने इसपर असमर्थता जताई कि हमारे पास बजट नहीं है। तो फिर इस विषय पर मैंने शनि मंदिर के मुखिया मनोज भारद्वाज से बात की तो उन्होंने यह लाइटें उपलब्ध करवाई। जिसके बाद मैंने यहां लाइटें लगवाकर जनता को समर्पित की है। उन्होंने कहा कि मैं आज पुल पर ही खड़ा हूँ और पुल पूरा जगमगाया है। उन्होंने कहा कि मैं देहरा वासियों को इसके लिए बहुत बहुत बधाई देता हूँ।
ब्यूरो कांगड़ा। गुरुदेव राणा
(देहरा)
ब्यास नदी पर बनी महाराणा प्रताप सागर पौंग झील के पुल पर 16 नई लाइटें लगाई गई हैं। दूधिया रोशनी में अब पुल पर गुजरने वाले राहगीरों को भी सहूलियत मिल रही है। अक्सर यहां रोशनी न होने की बजह से आये दिन दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। बीते कुछ महीनों पहले हुई दुर्घटना में एक व्यक्ति को जान से हाथ धोना पड़ा था। जिसके लिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एसडीएम देहरा धनवीर ठाकुर को लिखित रूप से अवगत कराया था। इसके बाद त्वरित कार्यवाही करते हुए एसडीएम देहरा ने ब्यास नदी पर बने पुल को रोशन करने के लिए अनुमति दे दी। उसके बाद शनि मंदिर लोअर सुनहेत के प्रबंधक मनोज भारद्वाज व गरली के जाने माने डॉ हरिकृष्ण जोली ने पुल पर लाइटें लगाने के लिए सहयोग किया गया। इन लाइटों के बिजली बिल का भुगतान नगर परिषद देहरा करेगी। यहां लगभग 15 से 20 वर्ष पूर्व लाइटें लगाई गई थी। लेकिन दो विभागों की आपसी असहमति न होने से एक महीनें बाद ही बंद करनी पड़ी। जिसके बाद न तो किसी ने इन्हें जगाने की जहमत उठाई और न ही किसी ने इन लाइटों को रिपेयर करने की कोशिश की। इस पुल से 6 गांवों के लोग पैदल आते जाते हैं।रात में बेहद खूबसूरत हो जाता है नजारा
दूधिया रोशनी से रात को ब्यास पुल का नजारा बेहद ही खूबसूरत हो जाता है। यहां तक अब आने जाने वाले राहगीर अब बेहद खुश हैं। पर्यटकों को भी ब्यास पुल काफी मनमोहक लग रहा है। दिन के समय में भी इस पुल से नजारा देखने वाला होता है। सर्दियों में धौलाधार पर्वत पर बर्फ की सफेद चादर यहां से बिल्कुल साफ दिखती है। पर्यटक अक्सर इन तस्वीरों को कैमरे में कैद करते देखे जा सकते हैं
पंजाब के सीएम ने किया था ब्यास पुल का उद्धघाटन
सन 1962 में तत्कालीन पंजाब सरकार के पहले मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैहरों ने किया था पुल का उद्धघाटन। हिमाचल प्रदेश के गठन के पूर्व यह इलाका पहले पंजाब के होशियारपुर से जुड़ा था। उस वक्त लगभग दो साल में यह पुल बनकर तैयार हुआ था और तत्कालीन मुख्यमंत्री ने यहां आकर इस पुल का उद्धघाटन किया। देहरा के सुशील शर्मा ने बताया कि यह पुल पंजाब सरकार के समय में बनाया गया था। इसका उद्धघाटन पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैहरों ने किया था। उन्होंने कहा कि सन 1962 से लेकर आजदिन तक लाइटें जगी नहीं। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष पहले यहां लाइटें लगी जो कुछ दिन जगाई गई। उन्होंने कहा कि इन लाइटों को शनि मंदिर लोअर सुनहेत देहरा के प्रबंधक पुजारी मनोज भारद्वाज द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इनके अलावा गरली से डॉ हरिकृष्ण जोली द्वारा भी इसमें सहयोग किया गया है।
पुल पर होती थी दुर्घटनाएं, पुजारी मनोज भारद्वाज ने दी लाइटें, जगमगाया ब्यास पुल
शनि मंदिर लोअर सुनहेत देहरा के प्रबंधक पुजारी मनोज भारद्वाज ने कहा कि हमनें एसडीएम देहरा धनवीर ठाकुर से निवेदन किया था कि 60 साल पुराने इस पुल पर कई वर्षों पहले लाइट लगी, जोकि कुछ महीने ही चल सकी। इसके बाद इस पुल पर अंधेरे के कारण बहुत दुर्घटनाएं हुई। जिसके बाद एसडीएम देहरा ने हमारी बात को माना। उन्होंने कहा कि फिर हमनें लाइटें दी और आज से यह जगमगाने शुरू हो गई है।
एसडीएम बोले देहरा पुल आज से जगमगाया, देहरा वासियों को बधाई
एसडीएम देहरा धनवीर ठाकुर ने कहा कि मेरे ध्यान में यह बात लाई गई कि पिछले कई सालों से ब्यास नदी पर बने पुल पर लाइटें काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि मैंने नगर परिषद से इस मामले को उठाया तो उन्होंने इसपर असमर्थता जताई कि हमारे पास बजट नहीं है। तो फिर इस विषय पर मैंने शनि मंदिर के मुखिया मनोज भारद्वाज से बात की तो उन्होंने यह लाइटें उपलब्ध करवाई। जिसके बाद मैंने यहां लाइटें लगवाकर जनता को समर्पित की है। उन्होंने कहा कि मैं आज पुल पर ही खड़ा हूँ और पुल पूरा जगमगाया है। उन्होंने कहा कि मैं देहरा वासियों को इसके लिए बहुत बहुत बधाई देता हूँ।
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HP Bureau
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