कांगड़ा: ज्वालामुखी मंदिर प्रशासन नही मानता जिलाधीश कांगड़ा के किये तबादला आदेश
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो कांगड़ा। गुरुदेव राणा
अवमानना हुई है।
बताते चलें कि शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर न्यास को कार्यालय आयुक्त मंदिर एवं
जिलाधीश कांगड़ा से आदेश 26 अक्टूबर 2018 को जारी हुआ।
उसमें आदेश तत्कालीन डी सी ने किए। मंदिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है कि जिलाधीश के एक वर्ष पूर्व किए गए दो कर्मीयों के तबादला आदेशों में जहां एक कर्मी ने आदेशों की पालना की वहीं ज्वालाजी मंदिर के दूसरे कर्मी वरिष्ठ लिपिक ने अवमानना की एक वर्ष बाद भी ब्रजेश्वरी मंदिर में ज्वाईनिंग नही ली।
ऐसेमें मंदिर प्रशासन ने आदेशों की पालना ना किए जाने पर कोई भी कार्यवाही कर्मी पर नही की और तबादला आदेशों के बाद अनवरत वेतन भी आज दिन तक दिया जा रहा है और आदेशों की अवमानना पर एक वर्ष बीतने के बाद भी उक्त कर्मी पर क्या कार्यवाही की गई इसका भी कोई रिकार्ड नही है।
हैरत की बात है कि जिलाधीश के आदेशों के एक वर्ष बाद भी मंदिर प्रशासन अभी तक
जिलाधीश कार्यालय से पत्राचार कर यह जानकारी लेने का तानाबाना बुन रहा है कि पूर्व के आदेशों पर आगामी क्या कार्यवाही की जाए। वहीं इस पूरे मामले के खुलासे के बाद एक बार फिर से मंदिर प्रशासन की नाकामी सामने आई है। सरकार ने जिन अधिकारियों को सरकारी आदेशों की पालना करने के लिए यहां विठाया है वहीं अधिकारी कर्मीयों को संरक्षण दे रहे हैं। जिससे वर्षों से एक ही स्थान पर वैठे मठाधीशों के तबादला आदेशों की पालना नही हो पा रही
है और सरकार की भी किरकिरी हो रही है।
ब्यूरो कांगड़ा। गुरुदेव राणा
हिमाचल सरकार के अधीन चल रहे ज्वालामुखी शक्तिपीठ में एक वर्ष पहले जिलाधीश कांगड़ा द्वारा किए गए दो कर्मीयों के तबादला आदेशों को अम्लीजामा
पहनाने में मंदिर प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा इसका खुलासा दस्तावेजों में हुआ है। जिससे जिलाधीश के आदेशों कीअवमानना हुई है।
बताते चलें कि शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर न्यास को कार्यालय आयुक्त मंदिर एवं
जिलाधीश कांगड़ा से आदेश 26 अक्टूबर 2018 को जारी हुआ।
उसमें आदेश तत्कालीन डी सी ने किए। मंदिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है कि जिलाधीश के एक वर्ष पूर्व किए गए दो कर्मीयों के तबादला आदेशों में जहां एक कर्मी ने आदेशों की पालना की वहीं ज्वालाजी मंदिर के दूसरे कर्मी वरिष्ठ लिपिक ने अवमानना की एक वर्ष बाद भी ब्रजेश्वरी मंदिर में ज्वाईनिंग नही ली।
ऐसेमें मंदिर प्रशासन ने आदेशों की पालना ना किए जाने पर कोई भी कार्यवाही कर्मी पर नही की और तबादला आदेशों के बाद अनवरत वेतन भी आज दिन तक दिया जा रहा है और आदेशों की अवमानना पर एक वर्ष बीतने के बाद भी उक्त कर्मी पर क्या कार्यवाही की गई इसका भी कोई रिकार्ड नही है।
हैरत की बात है कि जिलाधीश के आदेशों के एक वर्ष बाद भी मंदिर प्रशासन अभी तक
जिलाधीश कार्यालय से पत्राचार कर यह जानकारी लेने का तानाबाना बुन रहा है कि पूर्व के आदेशों पर आगामी क्या कार्यवाही की जाए। वहीं इस पूरे मामले के खुलासे के बाद एक बार फिर से मंदिर प्रशासन की नाकामी सामने आई है। सरकार ने जिन अधिकारियों को सरकारी आदेशों की पालना करने के लिए यहां विठाया है वहीं अधिकारी कर्मीयों को संरक्षण दे रहे हैं। जिससे वर्षों से एक ही स्थान पर वैठे मठाधीशों के तबादला आदेशों की पालना नही हो पा रही
है और सरकार की भी किरकिरी हो रही है।
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HP Bureau
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