मंडी:ठेकेदार से लाखों ₹ की ठगी के आरोपियों को बिहार व बंगाल से गिरफ्तार कर लाई HP पुलिस
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
मंडी। विनित ठाकुर
साईबर थाना शिमला की पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ मिली हे। मंडी जिला के सुंदरनगर के एक ठेकेदार से 24 लाख की ठगी करने वाले दो आरोपियों को शिमला की साईबर थाना पुलिस पश्चिम बंगाल और बिहार से गिरफतार कर यहां ले आई है। ठगों की पहचान विशाल कुमार और प्रद्युमन के रूप में हुई है।
विशाल कुमार बोडोफोन पश्चिम बंगाल के पुरूलिया में वोडा फोन मिनीस्टोर के नाम से दुकान करता है। पुलिस ने वहां रेड कर इसके कब्जे से 5 मोबाइल फोन व फिनो बैंक एटीएम, वोडाफोन इंपै्रसन सील बरामद किए हैं। उसके पास से मिले एक मोबाइल फोन में करीब 200 अलग-अलग लोगों के आधार कार्ड की कापी सेव पाई गई।
पुलिस पूछताछ में उसने बतलाया कि वह वोडोफान का रिटेलर है तथा फिनो बैंक का भी एजेंट है। फिनो बैंक ने इसे आईडी दी है तथा उसने इस बैंक के 20 खातों में सुंदरनगर के ठेकेदार से ठगे 25 लाख रूपये जमा करवाए हैं। सभी एटीएम उसने अपने साथी प्रद्युमन को दिए हैं।
साईबर पुलिस ने 24 फरवरी को बिहार के बेगुसराय से प्रद्युमन को भी दबोच लिया। प्रद्युमन के पास से छह मोबाइल फोन, 34 अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड, 5 फिनो बैंक एटीएम, दो एक्सिस बैंक क्रेडिट र्काउ तथा 6500 रूपये बरामद किए हैं। गत 22 फरवरी को शिमला की साईबर पुलिस ने विकास को गिरफतार किया।
साइबर पुलिस शिमला के एएसपी नरवीर राठौर ने बताया कि दोनों अभियुक्तों को बिहार व पश्चिमी बंगाल से गिरफतार कर शिमला लाया गया है। इन्हें आज कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान इनसे कई अहम तथ्यों की जानकारियां मिलने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि सात माह पूर्व शिकायतकर्ता ठेकेदार मंडी जिला में एक एटीएम से दस हजार रुपए निकाल रहा था, लेकिन पैसे नहीं मिले। इस पर ठेकेदार ने बैंक के टोल फ्री नंबर पर इसकी शिकायत दी। कुछ समय बाद ठेकेदार को एक फोन आया जिसने अपने आपको बैंक अधिकारी बताया और कहा कि उनके मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आएगा और उसके बारे में बताना है। बस इतना कहने पर ही ठेकेदार के मोबाइल फोन पर दनदनाता एक मैसेज आया जो कि ओटीपी नंबर था। ठेकेदार ने मोबाइल फोन पर आए ओटीपी नंबर को फोन करने वाले के साथ शेयर कर दिया। इसके बाद ही शातिर ने ठेकेदार के बैंक खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर बदल दिया जिससे ठेकेदार का पहले वाला नंबर बंद हो गया।
ठेकेदार ने सोचा कि तकनीकी खराबी की वजह से सिम चलनी बंद हो गई होगी , लेकिन इस बीच शातिरों ने एक बैंक खाते से 14 लाख निकाले और इसके बाद एक अन्य खाते से 10 लाख उड़ा दिए। इस तरह कुल 24 लाख की ठगी ठेकेदार से की गई। ठेकेदार को जब सिम बदलने का पता चला तब तक शातिर लाखों की ठगी कर चुके थे।
मंडी। विनित ठाकुर
साईबर थाना शिमला की पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ मिली हे। मंडी जिला के सुंदरनगर के एक ठेकेदार से 24 लाख की ठगी करने वाले दो आरोपियों को शिमला की साईबर थाना पुलिस पश्चिम बंगाल और बिहार से गिरफतार कर यहां ले आई है। ठगों की पहचान विशाल कुमार और प्रद्युमन के रूप में हुई है।
विशाल कुमार बोडोफोन पश्चिम बंगाल के पुरूलिया में वोडा फोन मिनीस्टोर के नाम से दुकान करता है। पुलिस ने वहां रेड कर इसके कब्जे से 5 मोबाइल फोन व फिनो बैंक एटीएम, वोडाफोन इंपै्रसन सील बरामद किए हैं। उसके पास से मिले एक मोबाइल फोन में करीब 200 अलग-अलग लोगों के आधार कार्ड की कापी सेव पाई गई।
पुलिस पूछताछ में उसने बतलाया कि वह वोडोफान का रिटेलर है तथा फिनो बैंक का भी एजेंट है। फिनो बैंक ने इसे आईडी दी है तथा उसने इस बैंक के 20 खातों में सुंदरनगर के ठेकेदार से ठगे 25 लाख रूपये जमा करवाए हैं। सभी एटीएम उसने अपने साथी प्रद्युमन को दिए हैं।
साईबर पुलिस ने 24 फरवरी को बिहार के बेगुसराय से प्रद्युमन को भी दबोच लिया। प्रद्युमन के पास से छह मोबाइल फोन, 34 अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड, 5 फिनो बैंक एटीएम, दो एक्सिस बैंक क्रेडिट र्काउ तथा 6500 रूपये बरामद किए हैं। गत 22 फरवरी को शिमला की साईबर पुलिस ने विकास को गिरफतार किया।
साइबर पुलिस शिमला के एएसपी नरवीर राठौर ने बताया कि दोनों अभियुक्तों को बिहार व पश्चिमी बंगाल से गिरफतार कर शिमला लाया गया है। इन्हें आज कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान इनसे कई अहम तथ्यों की जानकारियां मिलने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि सात माह पूर्व शिकायतकर्ता ठेकेदार मंडी जिला में एक एटीएम से दस हजार रुपए निकाल रहा था, लेकिन पैसे नहीं मिले। इस पर ठेकेदार ने बैंक के टोल फ्री नंबर पर इसकी शिकायत दी। कुछ समय बाद ठेकेदार को एक फोन आया जिसने अपने आपको बैंक अधिकारी बताया और कहा कि उनके मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आएगा और उसके बारे में बताना है। बस इतना कहने पर ही ठेकेदार के मोबाइल फोन पर दनदनाता एक मैसेज आया जो कि ओटीपी नंबर था। ठेकेदार ने मोबाइल फोन पर आए ओटीपी नंबर को फोन करने वाले के साथ शेयर कर दिया। इसके बाद ही शातिर ने ठेकेदार के बैंक खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर बदल दिया जिससे ठेकेदार का पहले वाला नंबर बंद हो गया।
ठेकेदार ने सोचा कि तकनीकी खराबी की वजह से सिम चलनी बंद हो गई होगी , लेकिन इस बीच शातिरों ने एक बैंक खाते से 14 लाख निकाले और इसके बाद एक अन्य खाते से 10 लाख उड़ा दिए। इस तरह कुल 24 लाख की ठगी ठेकेदार से की गई। ठेकेदार को जब सिम बदलने का पता चला तब तक शातिर लाखों की ठगी कर चुके थे।
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HP Bureau
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