डॉ. यशुमति की मौत मामले में साथी नितीश के खिलाफ चार्जशीट
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
महिला डॉ. यशुमति की करीब साढ़े 4 साल पहले संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। वह एक निजी अस्पताल में नौकरी करती थी। उनके परिवार वालों ने संदेह जताया था कि डॉ. यशुमति की हत्या की गई है। इसी मामले में पुलिस ने अब डॉ. नितीश कुमार के खिलाफ धारा 306 के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है।
डॉ. यशुमति के परिवार ने बेटी की हत्या का संदेह जताकर इसके 13 कारण बताए थे। इसके बाद जब प्रधानमंत्री दफ्तर से पंजाब डीजीपी से केस की रिपोर्ट मांगी गई तो इस मामले में तेजी आई। इसी बीच जांच रिपोर्ट और डॉ. यशुमति की फोन कॉल और व्हाट्सएप से जो चीजें सामने आई हैं, उसके आधार पर आरोपी डॉ. नीतिश कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
मंडी। सहयोगी संवाददाता
महिला डॉ. यशुमति की करीब साढ़े 4 साल पहले संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। वह एक निजी अस्पताल में नौकरी करती थी। उनके परिवार वालों ने संदेह जताया था कि डॉ. यशुमति की हत्या की गई है। इसी मामले में पुलिस ने अब डॉ. नितीश कुमार के खिलाफ धारा 306 के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है।
मामला क्या है?
8 जून, 2015 को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई डॉ. यशुमति की मौत के बाद उनके परिवार का आरोप था कि जिस समय उन्हें फेज-6 सिविल अस्पताल की मॉर्चरी में डॉ. यशुमति का शव दिखाया गया तो उसके मुंह से खून निकल रहा था, बाजू पर नीले रंग का निशान था और होठ नीले पड़ गए थे। इसके बाद पुलिस ने विसरा जांच के लिए दो लैबों में भेज दिया था। जबकि पुलिस ने डॉ. यशुमति की फोन कॉल, व्हाट्सएप डिटेल खंगालना शुरू कर दी थी। हालांकि, उस समय पुलिस ने किसी पर केस दर्ज नहीं किया था।
काफी समय तक पुलिस इस मामले को हलके में लेती रही। हालांकि, जिन लोगों पर उसके परिजनों ने संदेह जताया था पुलिस ने उनसे पूछताछ की थी, लेकिन मामला ठंडा पड़ता देख हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के गांव सेरला खाबू की रहने वाली डॉ. यशुमति के पिता मोरध्वज शास्त्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था।
काफी समय तक पुलिस इस मामले को हलके में लेती रही। हालांकि, जिन लोगों पर उसके परिजनों ने संदेह जताया था पुलिस ने उनसे पूछताछ की थी, लेकिन मामला ठंडा पड़ता देख हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के गांव सेरला खाबू की रहने वाली डॉ. यशुमति के पिता मोरध्वज शास्त्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था।
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