प्रशासन की पोल: ऑपरेशन के बाद बेसहारा मरीज को कुर्सी पर बिठाकर घर लाना पड़ा
हिमाचल क्राइम न्यूज़ || ब्यूरो ऊना|| कहीं सरकार के वादे तो कभी प्रशासन की देख के भी अन्देखी, पीस्ती तो सिर्फ बेचारी आम जनता। कहीं अगर सुनने में आए की किसी ऑपरेशन किए मरीज को आपात स्थिति में कुर्सी पर बैठाकर घर पहुंचाया जाए तो यह घटना निसंदेह उस पंचायत और सरकार के विकास के दावों को खोखला साबित करती है। ऐसा ही एक मामला ऊना के डूहल बंगवाला पंचायत में सामने आया है, जहां पित्ते की पथरी का ऑपरेशन किए मरीज को उसके परिवार वालों ने कुर्सी पर बैठाकर घर तक पहुंचाया।
यह मामला डूहल बंगवाला पंचायत की कांता सिद्ध से बद्दन बेहड़ हरिजन बस्ती को जाने वाली सड़क का है। जानकारी के अनुसार यह सड़क हरिजन बस्ती के 100 घरों को जोड़ती है और ऐसा नहीं यहां पर सड़क निकली नहीं हुई है, सड़क तो है लेकिन पिछले तीन सालों से सड़क इतनी खस्ताहाल में है। सड़क की हालत इतनी दयनीय है कि यहां पर दो पहिया वाहन चलाना तो दूर पैदल भी चलना भी जोखिम भरा सफर है। हल्की सी बारिश से ही सड़क दलदल का रूप धारण कर लेती है। जब हरिजन बस्ती की महिला मंजीत कुमारी जिसका सिविल अस्पताल चिंतपूर्णी में लगे निशुल्क कैंप में पित्ते की पथरी का आपरेशन हुआ था। छुट्टी के बाद महिला को घर ले जाया गया तो उसे अपने घर ले जाने के लिए कुर्सी मंगवानी पड़ी। ऑपरेशन हुई महिला के परिवार के सदस्यों ने महिला को कुर्सी पर बैठाकर घर पहुंचाया क्योंकि खस्ताहाल सड़क पर गाड़ी नहीं जा सकती थी।
सड़क की बदतर हालत होने के कारण यहां अकसर हरिजन बस्ती के लोगों समस्या पेश आती है। लोगों बृज मोहन, अनुराधा, प्रभु दत्त, प्रोमिला देवी, अश्वनी कुमार, सरोज कुमारी, दीपक राज का कहना है कि अगर उनके घर में कोई बीमार हो जाए तो सड़क की हालत में मरीज को अस्पताल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। लोगों का कहना कांता सिद्ध से बद्दन बेहड़ हरिजन बस्ती को जाने वाली सड़क पिछले तीन सालों से खस्ताहाल में है और आज तक इस सड़क की सुध किसी ने नहीं ली। उधर डूहल बंगवाला पंचायत की प्रधान परवीन कुमारी का कहना है कि वित्तायोग के जरिए गांवों की सड़कों को लेकर साल दर साल पैसा मंजूर होता है। अभी तक गांव के चार रास्ते पक्के किए जा चुके हैं।
दो रास्तों चानो सिद्ध और पपलेड़ा बस्ती के लिए वित्तायोग की तरफ से पैसा मंजूर हो चुका है। लेकिन इन रास्तों को पक्का करने में कुछ लोग अड़चन डाल देते हैं और उन रास्तों को पक्का करने के लिए दबाव डालते हैं जो उनकी पंचायत में है ही नहीं। बड्डन बेहड़ हरिजन बस्ती को जाने वाला रास्ता डूहल बंगवाला पंचायत में आता है। इस रास्ते को पक्का करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन इस रास्ते को तभी पैसे मंजूर होंगे। अगर पहले दो रास्तों के लिए आए हुए पैसों का इस्तेमाल रास्तों को बनाने में किया जा सके।
क्या कहते हैं बीडीओ
बीडीओ अंब सलीम आजम ने कहा कि उनको मीडिया के माध्यम से मामला ध्यान में आया है। मामले को लेकर शीघ्र उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
Editing:-Jatin
©®:AU
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