मठ परंपरा में बदलाव जरूरी : दलाईलामा
हिमाचल क्राइम न्यूज़ || ब्यूरो श्रीनगर || विश्व धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि सामंती व्यवस्था से लोकतांत्रिक व्यवस्था में बदलाव ने मठ परंपरा में बदलाव आवश्यक कर दिया है। इसलिए इस व्यवस्था में परिवर्तन होना चाहिए।
सामंती व्यवस्था में हिंसा व घृणा का बोलबाला था, जबकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में शांति का माहौल तैयार करने के लिए सभी को अधिकार देने की बात है। दलाईलामा लेह में बोल रहे थे।
रिनपोछे और स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मठ शिक्षा के केंद्र बनते जा रहे हैं, यह प्रशंसनीय है। जरूरत इस बात की है कि आज के इस भौतिकवादी युग में प्यार और सहिष्णुता की भावना को और अधिक विकसित किया जाए।
यह विश्व के सभी धर्मों के लोगों के आपसी समन्वय से ही संभव है। पिछले दिनों दिल्ली में इंडियन हिमालयन बुद्धिस्ट कम्युनिटीज कांफ्रेंस में उन्होंने मठों के शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित होने की प्रशंसा की थी।
वर्तमान में वैश्विक परिदृश्य में जहां काफी कुछ भौतिकवादी विकास हो रहे हैं, ऐसे में पूरी दुनिया भावनात्मक संकट के दौर से गुजर रही है। ऐसी परिस्थिति में विश्व के सभी धर्मों को प्यार और शांति के संदेश को प्रसारित करना चाहिए।
21वीं सदी का युवा 2600 साल पुरानी बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता के विषय में भी जाने। उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोगों का उनके लिए अपार प्रेम व सम्मान है। इससे उनका उत्साह और बढ़ जाता है।
इससे पहले लेह पहुंचने पर विधान परिषद के चेयरमैन हाजी इनायत अली, सांसद थुप्टस्टन चिवांग, विधायक नवांग रिगजिन जोरा, डेल्डन नाम्गयाल और अन्य लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
Editing:-Dharmendra Singh
©®:AU
Home
Comments
Post a Comment