आदेशों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
हिमाचल क्राइम न्यूज़ || ब्यूरो बिलासपुर || कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन रोड अलाइनमेंट के बदलाव के बारे में विस्थापित एवं प्रभावित समिति को कोई जानकारी मुहैया नहीं करवाई जा रही है। समिति का आरोप है कि फोरलेन का अलाइनमेंट प्लान बिना किसी मंजूरी के बदल दिया गया है। इस संबंध में समिति ने वन विभाग को साक्ष्य भी मुहैया करवा दिए हैं लेकिन इसके बाद भी विभाग के अधिकारी इस संबंध में कोई जानकारी मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं।
हालांकि शिकायत के बाद विभाग के उच्चाधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया है और संबंधित अधिकारी को कड़े आदेश जारी कर सात दिन के अंदर जानकारी मुहैया करवाने को कहा था लेकिन इसके बाद भी आरएफओ स्वारघाट इस संबंध में कोई जानकारी मुहैया करवाने में असफल रहे।समिति के महासचिव मदन लाल शर्मा ने बताया कि इस संबंध में एनजीटी में भी सुनवाई चल रही है जिसका फैसला इसी महीने आना है। कहा कि कंपनी नियमों को ताक पर रख कर रोड अलाइनमेंट बदला है जिसके पूरे साक्ष्य उन्होंने वन विभाग को दिए हैं लेकिन इसके बाद भी इस संबंध में आज तक उन्हें कोई जानकारी मुहैया नहीं करवाई जा रही है कि किस आधार रोड अलाइनमेंट प्लान बदला गया है।
इधर, समिति की शिकायत पर अरण्यपाल बिलासपुर में सात दिन में कार्रवाई करने के आदेश दिए थे लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर समिति ने इस संबंध में शिमला में उच्चाधिकारियों को शिकायत की। इसके बाद पत्र संख्या नंबर एफटी43,276/2013/बिलासपुर(एफसीएस) दिनांक 21 जून 2016 को नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर फोरेस्ट शिमला ने 7 दिन के अंदर वन विभाग बिलासपुर को कार्रवाई के आदेश दिए थे लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वहीं समिति ने एक बार फिर से इस संबंध में मंगलवार को डीएफओ हेडक्वार्टर को उक्त आदेशों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इधर, डीएफओ हेडक्वार्टर अश्वनी कुमार शर्मा ने बताया कि शिकायत मिली है।
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डीएफओ से दो दिन में मांगी है जानकारी : शर्मा
समिति के महासचिव मदन शर्मा ने कहा कि उन्होंने दो दिन के अंदर जानकारी देने के लिए डीएफओ को पत्र दिया है, क्योंकि मामला एनजीटी में है। अगर दो दिन के अंदर पूरी जानकारी नहीं मिली और एनजीटी का मामला प्रभावित हुआ तो उक्त अधिकारियों के खिलाफ कानून की शरण ली जाएगी।
Editing:-Hitesh Singh Nadda
©®:AU
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