सचिवालय में 50 का सेनेटाइजर 150 का बनाकर बेचा

हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो

कोरोना महामारी की आड़ में सरकार को लूट कर चांदी कूटने का गड़बड़झाला सामने आया है। हिमाचल सचिवालय को सेनेटाइजर की आपूर्ति करने वाले सप्लायर ने गबन का ऐसा चक्रव्यूह रचा कि सरकार के भी होश उड़ गए। उसने महज 50 रुपए की एमआरपी वाली सेनेटाइजर की शीशी में 150 रुपए की कीमत का फर्जी ठप्पा लगाकर सरकार को ही चूना लगा दिया। दरअसल, कोरोना संक्रमण की आशंका की चलते सरकार ने सभी विभागों को सेनेटाइजर, मास्क उपलब्ध करवाने के फरमान जारी किए हैं। इसी कड़ी में पिछले माह हिमाचल प्रदेश सचिवालय प्रशासन ने भी टेंडर कॉल कर लिया। हालांकि इससे पहले राज्य सरकार ने 50 रुपए तक की एमआरपी वाले सेनेटाइजर को खरीदने की ही छूट दी थी। इससे महंगे सेनेटाइजर को खरीदने के लिए मना किया था। इसी कारण सेनेटाइजर कंपनी ने 50 रुपए की एमआरपी वाले सेनेटाइजर का उत्पादन किया। इसी बीच सेनेटाइजर की मारामारी के चलते सप्लायर ने 150 रुपए की एमआरपी का सेनेटाइजर 130 रुपए में देने का टेंडर भरा। इसी आधार पर उसे सचिवालय में सेनेटाइजर आपूर्ति का ठेका मिल गया। इसके बाद सप्लायर की नियत में खोट आ गया और उसने 50 रुपए की एमआरपी वाले सेनेटाइजर की शीशी पर 150 रुपए का ठप्पा लगा दिया। हैरत है कि उसने एक-दो नहीं, बल्कि पहली खेप में तीन हजार सेनेटाइजर की शीशियों की आपूर्ति की। उसे अगला ऑर्डर भी हजारों की संख्या में दिया गया। अलबत्ता कोरोना से निपटने को लेकर चल रही सरकार की मुहिम को एक बड़ा झटका लगा है। यह झटका कहीं और नहीं, बल्कि सरकार के सचिवालय में ही लगा है। सचिवालय में सेनेटाइजर घोटाला हो गया है, जो प्रशासन के सामने भी उजागर हो चुका है। इस घोटाले को अंजाम देने वाले सचिवालय के एक अधीक्षक से उस सीट का चार्ज ले लिया गया है, जिसे वह अतिरिक्त रूप से देख रहा था। सूत्रों के अनुसार यहां कंट्रोल  रूम का चार्ज देख रहे एक अधीक्षक की सांठगांठ से इस गड़बड़झाले को किया गया और बाद में मोटा बिल सचिवालय प्रशासन को थमा दिया गया। इसकी भनक सचिवालय प्रशासन को समय पर लग गई। बताया जाता है कि जिस दिन ऐसा किया गया, उस दिन की वीडियो फुटेज भी सचिवालय प्रशासन ने देखी है, जिसमें साफ हुआ कि इस घपले में कौन शामिल है।
सप्लायर की पेमेंट पर रोक
मामले की भनक लगते ही सामान्य प्रशासन विभाग ने सप्लायर की आपूर्ति और पेमेंट पर रोक लगा दी है। सूचना के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने तुरंत प्रभाव से सप्लायर का सारा भुगतान रोक दिया है। इसके अलावा उसकी आपूर्ति को भी रोकने के आदेश दे दिए हैं।
आरोपियों पर कार्रवाई की गाज
मामला सामने आने के बाद कार्रवाई की गाज भी गिरने लगी है। सप्लायर के साथ सांठ-गांठ के आरोप में सचिवालय के एक अधिकारी का तुरंत प्रभाव से तबादला कर दिया गया है। इसके अलावा परचेज ऑर्डर में शामिल सुपरिटेंडेंट तथा सबंधित कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया गया है।


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