लॉकडाउन खत्म होने के बाद शराब के रखे स्टॉक की चेकिंग की जाएगी
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
शिमला। सहयोगी संवाददाता
हिमाचल राज्य में लॉकडाउन और कर्फ्यू लागू होने के बाद शराब ठेके बंद हैं। सरकार ने एक दो बार ठेके खोलने का प्रयास तो किया, लेकिन विरोध के बाद इन्हें लॉकडाउन अवधि में बंद रखने का फैसला लिया। इस बीच शराब दुकानें बंद होने के बावजूद अवैध रूप से शराब बिकने की शिकायतों पर आबकारी विभाग ने सख्त रुख अपनाने की तैयारी की है।
विभाग के आला अधिकारियों की मंत्रणा में फैसला हुआ है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद शराब ठेके खुलेंगे तो इनके गोदामों और डिस्टलरी में रखे स्टॉक की चेकिंग की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि शिमला से लेकर प्रदेश के अन्य जिलों में बंद ठेकों और गोदामों से कथित रूप से शराब की अवैध बिक्री हुई है। इस दौरान प्रिंट रेट से तीन गुना ज्यादा दाम तक वसूलकर ग्राहकों को चोरी-छिपे शराब मुहैया कराई गई है।
प्रदेश सरकार के साथ केंद्र ने भी शराब बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने को अपने हर आदेश में स्पष्ट कहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर शराब बिकने की पुष्टि हुई तो ठेके या गोदाम प्रभारी पर कार्रवाई हो सकती है।
डेल्ली का पांच करोड़ का हो रहा नुकसान
हिमाचल में शराब की बिक्री से सालाना 18 सौ करोड़ रुपये का राजस्व होता है। हर दिन करीब पांच करोड़ के राजस्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ब्रेक लगा है। लॉकडाउन के बाद से अब तक सरकार को शराब बिक्री न होने से करीब तीन सौ करोड़ का नुकसान हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अगर लॉकडाउन आगे जारी रहा और बिक्री न हुई तो राजस्व के इस घाटे की पूर्ति असंभव हो जाएगी।
शिमला। सहयोगी संवाददाता
हिमाचल राज्य में लॉकडाउन और कर्फ्यू लागू होने के बाद शराब ठेके बंद हैं। सरकार ने एक दो बार ठेके खोलने का प्रयास तो किया, लेकिन विरोध के बाद इन्हें लॉकडाउन अवधि में बंद रखने का फैसला लिया। इस बीच शराब दुकानें बंद होने के बावजूद अवैध रूप से शराब बिकने की शिकायतों पर आबकारी विभाग ने सख्त रुख अपनाने की तैयारी की है।
विभाग के आला अधिकारियों की मंत्रणा में फैसला हुआ है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद शराब ठेके खुलेंगे तो इनके गोदामों और डिस्टलरी में रखे स्टॉक की चेकिंग की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि शिमला से लेकर प्रदेश के अन्य जिलों में बंद ठेकों और गोदामों से कथित रूप से शराब की अवैध बिक्री हुई है। इस दौरान प्रिंट रेट से तीन गुना ज्यादा दाम तक वसूलकर ग्राहकों को चोरी-छिपे शराब मुहैया कराई गई है।
प्रदेश सरकार के साथ केंद्र ने भी शराब बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने को अपने हर आदेश में स्पष्ट कहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर शराब बिकने की पुष्टि हुई तो ठेके या गोदाम प्रभारी पर कार्रवाई हो सकती है।
डेल्ली का पांच करोड़ का हो रहा नुकसान
हिमाचल में शराब की बिक्री से सालाना 18 सौ करोड़ रुपये का राजस्व होता है। हर दिन करीब पांच करोड़ के राजस्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ब्रेक लगा है। लॉकडाउन के बाद से अब तक सरकार को शराब बिक्री न होने से करीब तीन सौ करोड़ का नुकसान हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अगर लॉकडाउन आगे जारी रहा और बिक्री न हुई तो राजस्व के इस घाटे की पूर्ति असंभव हो जाएगी।
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