नहीं रहे भजन सम्राट व माँ के भगत ध्यानु जैसे "नरेंद्र चंचल☹️
हिमाचल क्राइम न्यूज़
नई दिल्ली। सम्वाद सहयोगी
भजन सम्राट नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया है। वह 80 साल के थे। नरेंद्र चंचल पिछले तीन महीने से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था।अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 पर उन्होंने अंतिम सांस ली। गायक नरेंद्र चंचल के ब्रेन में क्लोटिंग थी। नरेंद्र चंचल अपने पीछे दो बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं।
उन्होंने कई प्रसिद्ध भजनों के साथ हिंदी फिल्मों में भी गाने गाए हैं। उन्होंने न सिर्फ शास्त्रीय संगीत में अपना नाम कमाया बल्कि लोक संगीत में भी लोगों की दिल जीता।
नरेंद्र चंचल ने बचपन से ही अपनी मां कैलाशवती को मातारानी के भजन गाते हुए सुना। इसी वजह से उनकी रुचि भी गायकी में बढ़ी। उनके शरारती स्वभाव और चंचलता की वजह से उनके शिक्षक उन्हें 'चंचल' कहकर बुलाते थे। बाद में नरेंद्र ने अपने नाम के साथ हमेशा के लिए चंचल जोड़ लिया।
हिमाचल क्राइम न्यूज़ कि पहली रंगीन Magzine का उद्धघाटन चचल द्वारा हीी हुआ था।
बॉलीवुड में भी रखा कदम
उन्होंने राज कपूर की फिल्म बॉबी में 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो' गाना गाया। ये गाना आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। नरेंद्र को पहचान मिली फिल्म 'आशा', में गाए माता के भजन 'चलो बुलावा आया है' से जिसने रातों रात उन्हें मशहूर बना दिया। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में उनका बड़ा नाम था।
सोशल मीडिया पर उनके फैंस उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनके निधन पर पंजाबी दलेर मेहंदी के साथ-साथ मुंबई फिल्म इंडस्ड्री से जुड़े कलाकारों ने भी उनके निधन पर शोक जताया है.
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