हिमाचल के नए राज्यपाल कलराज मिश्र
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो नई दिल्ली। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं देवरिया के सांसद रहे कलराज मिश्र हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल होंगे। आचार्य देवव्रत को गुजरात को गर्वनर बनाया गया है। भाजपा नेता कलराज मिश्र ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश में सभी दलों को साथ लेकर चलेंगे। नई भूमिका पर शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा वह नई भूमिका के लिए तैयार हैं।
कलराज मिश्र ने 75 वर्ष से अधिक उम्र होने के कारण 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, तभी से राज्यपाल बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। कलराज मिश्र अपने मधुर स्वभाव, आत्मीयता पूर्ण व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। एक जुलाई 1941 को गाजीपुर के मलिकपुर गांव में जन्म हुआ। पिता पं. रामाज्ञा मिश्र प्राथमिक पाठशाला में मुख्य अध्यापक थे। माता प्रभावती एक साधारण धार्मिक महिला थी। विद्यार्थी जीवन में वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता बन गए। 1963 में काशी विद्यापीठ से एमए किया। सात मई 1963 को सत्यवती के साथ विवाह हुआ। उनके दो पुत्र राजन व अमित मिश्र व एक पुत्री डाॅ. हेमलता द्विवेदी हैं।
सामाजिक व राजनीतिक जीवन
1963 में संघ के प्रचार के नाते कलराज मिश्र को सबसे पहले गोरखपुर महानगर की जिम्मेदारी दी गई। 1968 में राजनीतिक क्षेत्र में कार्य करने के लिए आजमगढ़ विभाग के भारतीय जनसंघ के संगठन मंत्री नियुक्त किया गया। पार्टी ने 1972 में गुजरात विधानसभा चुनाव में सांगठनिक उपयोग किया। 1974 में जयप्रकाश के संपूर्ण क्रांति आंदोलन जब बिहार से चलकर पूर्वी उप्र में पहुंचा तो जनसंघ ने पूर्वांचल में इस आंदोलन के संयोजक का भार कलराज मिश्र को सौंपा था। 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की तो व पूरे देश में सभी दलों के प्रमुख कार्यकर्ताओं को बंदी बनाया गया तो कलराज मिश्र को चार जुलाई को देवरिया जनपद के भलुअनी में गिरफ्तार किया गया। 18 माह बाद वे जेल से मुक्त हुए।
ब्यूरो नई दिल्ली। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं देवरिया के सांसद रहे कलराज मिश्र हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल होंगे। आचार्य देवव्रत को गुजरात को गर्वनर बनाया गया है। भाजपा नेता कलराज मिश्र ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश में सभी दलों को साथ लेकर चलेंगे। नई भूमिका पर शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा वह नई भूमिका के लिए तैयार हैं।
कलराज मिश्र ने 75 वर्ष से अधिक उम्र होने के कारण 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, तभी से राज्यपाल बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। कलराज मिश्र अपने मधुर स्वभाव, आत्मीयता पूर्ण व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। एक जुलाई 1941 को गाजीपुर के मलिकपुर गांव में जन्म हुआ। पिता पं. रामाज्ञा मिश्र प्राथमिक पाठशाला में मुख्य अध्यापक थे। माता प्रभावती एक साधारण धार्मिक महिला थी। विद्यार्थी जीवन में वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता बन गए। 1963 में काशी विद्यापीठ से एमए किया। सात मई 1963 को सत्यवती के साथ विवाह हुआ। उनके दो पुत्र राजन व अमित मिश्र व एक पुत्री डाॅ. हेमलता द्विवेदी हैं।
सामाजिक व राजनीतिक जीवन
1963 में संघ के प्रचार के नाते कलराज मिश्र को सबसे पहले गोरखपुर महानगर की जिम्मेदारी दी गई। 1968 में राजनीतिक क्षेत्र में कार्य करने के लिए आजमगढ़ विभाग के भारतीय जनसंघ के संगठन मंत्री नियुक्त किया गया। पार्टी ने 1972 में गुजरात विधानसभा चुनाव में सांगठनिक उपयोग किया। 1974 में जयप्रकाश के संपूर्ण क्रांति आंदोलन जब बिहार से चलकर पूर्वी उप्र में पहुंचा तो जनसंघ ने पूर्वांचल में इस आंदोलन के संयोजक का भार कलराज मिश्र को सौंपा था। 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की तो व पूरे देश में सभी दलों के प्रमुख कार्यकर्ताओं को बंदी बनाया गया तो कलराज मिश्र को चार जुलाई को देवरिया जनपद के भलुअनी में गिरफ्तार किया गया। 18 माह बाद वे जेल से मुक्त हुए।
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