पंजाब में बैठकर हिमाचल में नशे का जाल फैला रहा चिट्टा माफिया, सोशल मीडिया का भी सहारा
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो ऊना, जतिन।
चिट्टा के कारोबार में लगी बड़ी मछलियों तक पुलिस की पहुंच आसान नहीं लग रही है। मजबूत नेटवर्क और प्लानिंग से इस काले धंधे को अंजाम दिया जा रहा है। नशा माफिया के तार स्थानीय युवाओं के साथ जुड़े हैं। चिट्टे के पंजाब में बैठे प्रमुख डीलरों से स्थानीय चिट्टा एजेंटों का संपर्क रहता है। पंजाब में चिट्टा माफिया के लोग चिट्टे की डिमांड को पूरा करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाने लगे हैं। पुलिस को चकमा देने के लिए वाहनों के अलावा चेहरों को भी रोजाना बदला जा रहा है। जिन स्टेशनों पर चिट्टे का लेन-देन होता है, उस स्थान को भी हर रोज बदल दिया जाता है। पंजाब में नशा निवारण केंद्रों से जुड़े कुछ लोगों की भी माफिया से मिलीभगत का अंदेशा है।
ब्यूरो ऊना, जतिन।
चिट्टा के कारोबार में लगी बड़ी मछलियों तक पुलिस की पहुंच आसान नहीं लग रही है। मजबूत नेटवर्क और प्लानिंग से इस काले धंधे को अंजाम दिया जा रहा है। नशा माफिया के तार स्थानीय युवाओं के साथ जुड़े हैं। चिट्टे के पंजाब में बैठे प्रमुख डीलरों से स्थानीय चिट्टा एजेंटों का संपर्क रहता है। पंजाब में चिट्टा माफिया के लोग चिट्टे की डिमांड को पूरा करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाने लगे हैं। पुलिस को चकमा देने के लिए वाहनों के अलावा चेहरों को भी रोजाना बदला जा रहा है। जिन स्टेशनों पर चिट्टे का लेन-देन होता है, उस स्थान को भी हर रोज बदल दिया जाता है। पंजाब में नशा निवारण केंद्रों से जुड़े कुछ लोगों की भी माफिया से मिलीभगत का अंदेशा है।
माफिया से जुड़े लोकल एजेंट भी अपना ठिकाना बदलते रहते हैं। सोशल मीडिया पर भी इनका बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। ग्राहकों की चिट्टा माफिया के एजेंट के पास पूरी सूची रहती है। कहां कितने लोग चिट्टे का नशा कर रहे हैं, उनको रोजाना कितनी डोज चाहिए, यह हिसाब किसी नशा निवारण केंद्र में नहीं बल्कि चिट्टा माफिया के प्रमुख अड्डों पर लगाया जा रहा है। इसका पूरा डाटा तैयार करके स्टाक अलग-अलग स्थानों को भेजा जाता है। स्टाक भेजने के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई जाती है जिसका सिर्फ चिट्टा माफिया के प्रमुख अड्डे के संचालक और स्थानीय एजेंट को ही पता रहता है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों से बचने के लिए माफिया के अड्डे से रोजाना बदल-बदलकर लोगों को भेजा जाता है। उनके वाहनों का बाकायदा रूट तक भी अलग से तैयार किया जाता है। ऊना जिले में करीब 24 स्टेशनों पर चिट्टा की खेप नियमित पहुंचाई जाती है। ऊना के आठ लोगों तक इसकी सप्लाई पहुंचती है। उसके बाद इसे 24 जगहों तक फैला दिया जाता है।
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