स्कूल खलने के बाद अगर बच्चे कोरोना संक्रमित पाए जातें है तो उनके अभिभावक होंगे ज़िम्मेदार
क्या लिखा है सहमित पत्र में
सरकार का कहना है कि पहले चरण में स्कूलों में दसवीं और 12वीं के बच्चे बुलाए जाएंगे. हालांकि, इस दौरान बच्चों के माता-पिता की सहमति जरूरी है. लेकिन सरकार की ओर से जारी सहमति पत्र पर सवाल उठ रहे हैं. सरकार के सहमति पत्र के अनुसार, यदि स्कूलों में बच्चों को कोरोना हुआ तो उसके लिए सरकार और स्कूल जिम्मेदार नहीं होंगे. यानी स्कूल में बच्चों को कोरोना होने पर माता-पिता ही जिम्मेदार होंगे. पत्र के अनुसार, कोरोना होने पर माता-पिता स्कूलों को जिम्मेदार नहीं
बच्चों के माता पिता को इस सहमति पत्र को भरना होगा.
क्या बोले शिक्षा मंत्री गोविंद
केवल दो कक्षाएं बुलाई जाएंगी
पहले चरण में 10 वीं और 12 वीं बोर्ड कक्षाओं वाले छात्रों को ही स्कूल बुलाया जाएगा. उसके बाद छोटी कक्षाओं पर विचार किया जाएगा. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि छोटी कक्षाओं के बच्चों को स्कूल बुलाने में समय लग सकता है. सरकार के ताजा निर्देशों के तहत 18 सितंबर तक ईपीटीएम बैठकें होंगी. हिमाचल में अब 100 फीसदी स्टाफ स्कूल आ रहा है. इसमें शिक्षक और गैर शिक्षक दोनों शामिल हैं. ऑनलाइन पढ़ाई भी स्कूलों से ही करवाई जा रही है, लेकिन अब स्कूलों में छात्रों को बुलाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं.
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