Shimla:गुडिय़ा के परिवार कि आवाज हाईकोर्ट में उठाएगी मदद सेवा ट्रस्ट
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
शिमला।
बहुचर्चित कोटखाई गुडिय़ा रेप मर्डर मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मामले को लेकर मदद सेवा ट्रस्ट गुडिय़ा के परिजनों संग अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। गुडिय़ा को इंसाफ दिलाने के लिए जल्द कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। ताकि उन लोगों के चेहरे सामने आए, जिनकी इस मामले में संलिप्ता है।
यह बात शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान मदद सेवा ट्रस्ट के सचिव विकास थापटा ने कही। विकास थाप्टा ने कहा कि इस वारदात को अंजाम अकेले चिरानी ने नहीं दिया है, बल्कि अन्य की भी संलिप्ता है। बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर 3 जजों की उपस्थिति में सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट से गुडिय़ा के परिजनों को यह हिदायत दी गई है आपके पास एक ओर मौका होना चाहिए। आप उस नजदीकी हाईकोर्ट में जाओं जहां पर आप आसानी से अपनी सारी बात रख सकते है।विकास थापटा ने कहा कि गुडियां के परिजनों ने पहले ही प्रदेश मुखयमंत्री को बताया था की सी.बी.आई. द्वारा की जा रही इस जांच से वे संतुष्ट नहीं है। यहां तक पहले उन्होंने हाईकोर्ट को एक एप्लीकेशन लिखी थी, लेकिन उस पर गौर नहीं पाया था।
उन्होंने कहा कि गुडिय़ा को न्याय दिलाने के लिए जितनी मात्रा में लोग झंडे और डंडे लेकर सड़कों पर उतरे थे उतने लोग अब फिर से गुडिय़ा को न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट को पत्र लिखे ताकि इस मामले पर गौर करे। विकास का कहना है कि जब इस मामले में गांधी नगर गुजरात में पांच लोगों के नार्को टैस्ट करवाए थे, तो इस नार्को टैस्ट रिपोर्ट में अन्य की भी इस मामले में संलिप्ता पाई गई थी।
उसके बाद भी मामले की जांच में कुछ चेहरे को छुपाए गए है। विकास का कहना है कि उस दौरान जांच गैंगरेप की ओर जा रही थी, लेकिन मामले की सही से जांच न होने पर अभी तक गुडिय़ा को न्याय नहीं मिल पाया है।
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