प्रदूषण फैलाने वाले 8 उद्योगों के प्लाॅट रद्द करेगी सरकार
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हिमाचल क्राइम न्यूज़ || ब्यूरो शिमला || प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में प्रदूषण फैलाने वाले आठ उद्योगों के प्लाॅट्स रद्द करने की तैयारी है। यहां उद्यमियों ने नियमों को ताक पर रख कर अपने उद्योग स्थापित किए हंै।
इससे क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। इन उद्योगों के नाम शार्टलिस्ट कर दिए गए हैं। अब सरकार इन उद्यमियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इनके प्लॉट्स रद्द करने की कसरत कर रही है। इनमें से एक उद्यमी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाते हुए संबंधित उद्यमी का प्लाॅट रद्द कर दिया गया है। इससे नियमों की अनदेखी कर उद्योग चला रहे निवेशक खासे परेशान है।
इनमें से कई प्लाॅट्स हिमुडा द्वारा भी निवेशकों को उद्योग स्थापित करने के लिए दिए गए हैं। सरकार के ध्यान में मामला आया है कि इनमें से कई उद्योग पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हुए काम कर रहे हंै। सरकार ने उन उद्यमियों की सूची तलब कर दी है। उन पर आने वाले समय में कार्रवाई हो सकती है।
ट्रीटमेंट प्लांट काम न करने से क्षेत्र में फैली बदबू तो लोगों ने की शिकायत, टीम ने विजिट कर लिया एक्शन
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एमसी बद्दी और सीटीपी को नोटिस जारी किया है। नोटिस यहां पर स्थापित ट्रीटमेंट प्लांट के ठीक से काम न करने को लेकर जारी किया है। ट्रीटमेंट प्लांट के काम न करने से उद्योगों से निकलने वाला गंदा पानी ठीक से ट्रीट नहीं हो पा रहा था। इससे क्षेत्र में चारों ओर बदबू फैल गई थी। इसके विरोध में यहां के स्थानीय लोग भी आ गए थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी एक टीम को स्पॉट विजिट के लिए बद्दी भेजा। पूरे मामले की जांच पड़ताल के बाद ट्रीटमेंट प्लांट के सही से काम न करने पर बोर्ड ने बद्दी एमसी को नोटिस जारी कर इस प्लांट को तय समय अवधि में पूरा करने को कहा। बोर्ड के सदस्य सचिव आर के परुथी ने कहा कि ट्रीटमेंट प्लांट के ठीक से काम न करने पर एमसी बद्दी और सीटीपी को नोटिस जारी किया गया है।
कई उद्यमियों ने अपने उद्योग से निकलने वाले गंदे पानी को ठिकाने लगाने के लिए कोई उचित प्रबंधन नहीं किया है। फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी खुले में बहाया जा रहा है।
कुछ उद्योगों ने दिखावे के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगा रखे हैं। वह ठीक से काम नहीं कर रहे है। ऐसी और भी कई तरह की कमियां इन उद्योगों में पाई गई जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं। इसमें फैक्ट्रियों से निकलने वाला गार्बेज और दूषित धुआं शामिल है। इसलिए सरकार अब उनका प्लाॅट रद्द करने की तैयारी में है।
पर्यावरण मित्र उद्योगों को ही मिलती है प्राथमिकता
राज्य में अब उद्योगों को प्रदूषण के आधार पर प्राथमिकता दी जाती है। राज्य में सरकार पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाने वाले उद्योगों को प्राथमिकता देती है। इसके लिए सरकार ने अलग से इंसेंटिव देने का प्रावधान कर रखा है। इन्हें ग्रीन कैटेगिरी के उद्योगों में रखा है। दूसरी तरफ जिन उद्योगों के माध्यम से ज्यादा प्रदूषण किया जाता है। उन्हें रैड कैटेगिरी या नेगेटिव उद्योगों की लिस्ट में रखा है। नियमों के मुताबिक, राज्य में हर उद्योग के लिए सरकार ने ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य किया है। इसके बावजूद इस पर निवेशक ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाते हैं। इसका राज्य के पर्यावरण पर विपरीत असर पड़ता है।
editing:- सुमेश
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