अब पंजाब में भी रेप के आरोप में होगी फांसी, आर्थिक अपराधियों की जब्त होगी संपत्ति
हिमाचल क्राइम न्यूज़ || ब्यूरो चंडीगढ़ || पंजाब मंत्रिमंडल ने दुराचार और आर्थिक अपराधों में भगोड़ों से संबंधित केंद्र सरकार के दो अहम अध्यादेशों को राज्य में लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी दी। बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान क्रिमिनल ला (अमेंडमेंट) आर्डिनेंस, 2018 (आर्डिनेंस नंबर 2 ऑफ 2018) जिसे केंद्र सरकार द्वारा दुराचार संबंधी कानून को और सख्त बनाने के लिए लाया गया है, को पंजाब गजट में प्रकाशित करने की अनुमति दी गई, ताकि इसके संबंध में आम लोगों को जागरूक और राज्य में इस कानून को प्रभावशाली ढंग से लागू किया जा सके।
12 वर्षों से कम आयु की बच्ची के साथ दुराचार पर मौत की सजा के अलावा यह क्त्रिस्मिनल ला (अमेडमेंट) आर्डिनेंस, 2018 आईपीसी में भी संशोधन करता है, जिससे तहत दुराचार के लिए कम से कम सजा सात साल से बढ़ाकर दस साल की गई है। 16 साल से कम आयु की लड़की के साथ दुराचार पर कम से कम सजा उम्र कैद निर्धारित की गई है जोकि पहले 20 वर्ष बामुशक्कत कैद थी। इसको अब बढ़ाकर ताउम्र कर दिया गया है।
इस अध्यादेश के अंतर्गत कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर में भी संशोधन किया गया है। दुराचार के मामलों में जांच दो महीनों के अंदर मुकम्मल करनी होगी। दुराचार के मामलों पर सुनवाई दो महीनों में मुकम्मल करनी जरूरी होगी और अपीलों के निपटरे के लिए छह महीनों का समय तय किया गया है। 12 और 16 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के साथ दुराचार या सामूहिक दुराचार के मामलों में नामजद अपराधियों के लिए अग्रिम जमानत संबंधी कानून में भी संशोधन किया गया है।
आर्थिक अपराधी की संपत्ति होगी जब्त
आर्थिक अपराधों में भगोड़ों संबंधी अध्यादेश, देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों की जायदाद और संपत्ति को केस के साथ जोड़ने या जब्त करने की शक्ति देता है। देश में हाल ही में हुए आर्थिक घपलों, खासतौर पर 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले, जिसमें नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के देश छोड़कर भाग जाने के कारण केंद्र सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा है।
मुख्यमंत्री दुराचारियों को सख्त सजा दिए जाने के हक में थे और बाकी सभी कैबिनेट मंत्रियों ने भी उनका समर्थन किया। इसके साथ ही भगोड़े आर्थिक अपराधियों संबंधी अध्यादेश, 2018 को लागू करने पर वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने बड़े सार्वजनिक हित में इस अध्यादेश को राज्य के गज़ट में फिर प्रकाशित करने को भी हरी झंडी दे दी।
दुराचार/गैंगरेप के अपराध में अब होगी सजा
दुराचार/गैंगरेप के अपराध में अब होगी सजा
12 वर्षों से कम आयु की बच्ची के साथ दुराचार पर मौत की सजा के अलावा यह क्त्रिस्मिनल ला (अमेडमेंट) आर्डिनेंस, 2018 आईपीसी में भी संशोधन करता है, जिससे तहत दुराचार के लिए कम से कम सजा सात साल से बढ़ाकर दस साल की गई है। 16 साल से कम आयु की लड़की के साथ दुराचार पर कम से कम सजा उम्र कैद निर्धारित की गई है जोकि पहले 20 वर्ष बामुशक्कत कैद थी। इसको अब बढ़ाकर ताउम्र कर दिया गया है।
इस अध्यादेश के अंतर्गत कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर में भी संशोधन किया गया है। दुराचार के मामलों में जांच दो महीनों के अंदर मुकम्मल करनी होगी। दुराचार के मामलों पर सुनवाई दो महीनों में मुकम्मल करनी जरूरी होगी और अपीलों के निपटरे के लिए छह महीनों का समय तय किया गया है। 12 और 16 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के साथ दुराचार या सामूहिक दुराचार के मामलों में नामजद अपराधियों के लिए अग्रिम जमानत संबंधी कानून में भी संशोधन किया गया है।
आर्थिक अपराधी की संपत्ति होगी जब्त
आर्थिक अपराधों में भगोड़ों संबंधी अध्यादेश, देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों की जायदाद और संपत्ति को केस के साथ जोड़ने या जब्त करने की शक्ति देता है। देश में हाल ही में हुए आर्थिक घपलों, खासतौर पर 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले, जिसमें नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के देश छोड़कर भाग जाने के कारण केंद्र सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा है।
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