राज्य सरकार 230 नई पंचायतों का करेगी गठन
हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला। स्पेशल डेस्क
प्रदेश सरकार ने 230 नई पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। नई पंचायतों के गठन को लेकर 29 अगस्त तक आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं। इन पंचायतों को लेकर सुझाव व आपत्तियाें को हटाने के बाद इनके गठन को मंजूरी प्रदान कर दी जाएगी। इन 230 के अलावा कुछ और पंचायतों को भी शामिल किया जा रहा है। अनुमोदित मापदंडों के अनुसार प्रदेश में बनने वाली 230 पंचायतों में जिला मंडी में 65, शिमला में 35,कांगड़ा में 33, कुल्लू में 28, चंबा में 18, सोलन में 17, बिलासपुर में 14, सिरमौर में आठ, हमीरपुर में नौ, किन्नौर में सात, लाहुल-स्पीति में चार, ऊना में दो नई पंचायतों का गठन प्रस्तावित है।
जिला,विकास खंड,नई पंचायत
बिलासपुर के घुमारवीं ब्लॉक के तहत दकड़ी, तियून खास, बाड़ी मझेवड़ा, अवारी खलीण, पलासला पंचायत अधिसूचित की गई है। बिलासपुर सदर के ओयल नाेग, मलोखर, जमथल, निहारखण बासला, भोली पंचायत।
बिलासपुर के झंडूता की निहाण पंचायत और श्रीनयना देवी की ग्वालथाई पंचायत अधिसूचित की गई है।
चंबा सदन में चंबी, हमल, घघरौता, निहूई, कुरैणा और मैहला फागड़ी, कुम्हारका, गाण्, टपूण, धरेड़ी पंचायत का गठन किया गया है। तीसा में सौठी, नेरा, भलोड़ी और टियात की मलूडा पंचायत है। भरमौर की सैहली पंचायत पांगी और सलूणी फिंडरू, शौर व हडला पंचायत शामिल हैं।
हमीरपुर के बमसन में बराेहा व भरंनाग, भाेरंज ब्लॉक की नाहलवीं, रौंही, चौकी कनकरी पंचायत का गठन किया गया है। बिझड़ी में पटेरा, दैण, जनहैण और नादौन ब्लॉक की बर्धयाड पंचायत शामिल है।
लाहुल स्पीति के उदयपुर में सलग्रां, किशोरी, नामू, जुंडा पंचायत का गठन किया गया है। किन्नौर के कल्पा में युवारंगी और पूह में चुलिंग,डूबलिंग, अकपा खास पंचायत समेत निचार में बड़ा खंबा, काबा व चौरा पंचायत बनाई गई है। सोलन जिला के कंडाघाट में सैंज व रेहड़ पंचायत गठित की गई है। कुनिहार में सांई, रौड़ी, बरायली, क्यारड, जघून, बागा, पट्टा, चईंयाधार पंचायत का गठन किया गया है।
यह हैं मापदंड
जिनकी 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 2000 तथा उससे अधिक है तथा परिवारों की संख्या 500 या उससे अधिक, ग्राम पंचायत के वर्तमान मुख्यालय से सबसे दूर वाले गांव की दूरी 5 किलोमीटर या उससे अधिक, गांव की संख्या 5 तथा उससे अधिक है। वर्तमान पंचायत तथा नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 600 होनी चाहिए। यह मापदंड पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी लागू होगा। इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों की उन ग्राम पंचायतों में से नई पंचायतें बनाई जाएंगी, जिनकी जनसंख्या 750 और उससे अधिक है। वर्तमान पंचायत तथा नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 300 होनी चाहिए।
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