राज्य सरकार ने हिम स्टार्ट अप योजना के अंतर्गत 10 करोड़ रुपए का उघम कोष को स्थापित किया:सीएम
हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला/ नई दिल्ली।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि स्वरोजगार के अवसर पैदा करने को मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना शुरू की गई है। नवोन्मेष विचारों वाले युवाओं को एक वर्ष के लिए 25 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। विचारों के कार्यान्वयन और मार्केटिंग के लिए अधिकतम 10 लाख की सहायता दी जा रही है। उद्यमियों को राष्ट्रीय स्तर पर स्टार्ट अप को पेटेंट फाइल करने को दो लाख और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट फाइल करने के लिए 10 लाख की वित्तीय सहायता दी जा रही है। आईआईटी मंडी की ओर से आयोजित हिमालय स्टार्टअप के चौथे संस्करण पर मुख्यमंत्री ने शनिवार को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह बात कही।
कहा कि सरकार ने नए उद्यमियों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए हिम स्टार्ट अप योजना के तहत 10 करोड़ का उद्यम कोष स्थापित किया है। स्टार्ट अप इंडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना है, जिसने उद्यमियों के सपनों को पंख लगाए हैं। आईआईटी मंडी चार साल से इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। देश भर में 100 से ज्यादा स्टार्ट अप आईआईटी मंडी की ओर से क्रियान्वित किए जाने वाले कैटालिस्ट इन्क्यूबेशन प्रोग्राम से लाभान्वित हो रहे हैं।
इस योजना में राज्य के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे आईआईटी मंडी, एनआईटी हमीरपुर, विभिन्न सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में, विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता लाने के लिए इन्क्यूबेशन केंद्र स्थापित करने का प्रावधान है। इन केंद्रों के माध्यम से तीन वर्षों के लिए 30 लाख की सहायता दी जा रही है। 818 प्राप्त आवेदनों में से इन्क्यूबेशन केंद्रों ने 132 स्टार्ट अप में से 54 को पूरा कर लिया गया है। 78 स्टार्टअप इन्क्यूबेशन में हैं, जबकि 30 स्टार्ट अप तैयार हैं। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री का 10 करोड़ के उद्यम कोष (वेंचर फंड) स्थापित करने और युवाओं के लिए स्वरोजगार सृजित करने के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाएं के लिए आभार जताया। आईआईटी मंडी के निदेशक एके चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
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